मनामा : भारत ने सोमवार को बहरीन के शीर्ष नेतृत्व से कहा कि पाकिस्तान द्वारा ‘राजकीय नीति के औजार’ के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करना चिंता की बात है और सीमापार से उकसावे के चलते ही जम्मू कश्मीर में मौजूदा अशांति की स्थिति बनी हुई है।
बहरीन की तीन दिन की यात्रा पर आये केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस देश के गृहमंत्री राशिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा से मुलाकात में यह बात कही।
उन्होंने बहरीन के शाह हमद बिन इसा बिन सलमान अल खलीफा और शहजादे सलमान बिन हमद अल खलीफा से भी मुलाकात की और उनसे आतंकवाद को लेकर भारत की चिंता साझा की।

सिंह ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया, ‘हमने आतंकवाद और मानव तस्करी पर चिंता साझा की।’ बहरीन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कांफ्रेंस का प्रमुख सदस्य देश है जिसमें पाकिस्तान भी सदस्य है।
सिंह ने राशिद को हिज्बुल मुजाहिदीन के मारे गए आतंकवादी बुरहान वानी को इस्लामाबाद के खुले समर्थन और पाकिस्तान में उसके महिमामंडन के बारे में भी बताया और कहा कि इससे संकेत मिलता है कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को वहां पूरी आजादी है।
वानी आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था जिसके बाद से कश्मीर घाटी में अशांति का माहौल है।
बताया जाता है कि सिंह ने बहरीन के गृहमंत्री से कहा, ‘पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो राजकीय नीति के औजार के रूप में आतंकवाद के इस्तेमाल को छोड़ने से इनकार करता है।’ उन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादी बहादुर अली की जुलाई में गिरफ्तारी का मुद्दा भी उठाया जिसे लश्कर ए तैयबा के शिविरों में प्रशिक्षित किया गया था और बाद में वह सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंकने के लिए भीड़ में शामिल होने के निर्देश के साथ जम्मू कश्मीर में घुस आया था।
सिंह ने कहा, ‘चूंकि आतंकवाद को प्रायोजित करने के पाकिस्तान के तरीके में कोई बदलाव नहीं है, इसलिए आतंकवाद रोकने के लिए पाकिस्तान के आश्वासनों को हम कोई महत्व नहीं दे सकते।’ जम्मू कश्मीर को भारत का आंतरिक विषय बताते हुए और इसमें किसी भी तरह के हस्तक्षेप को स्वीकार्य नहीं बताते हुए गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार के साथ भारत के अन्य संबंधित प्राधिकार राज्य में हालात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और स्थानीय आबादी की समस्याओं के निवारण के लिए विभिन्न तरह के प्रयास किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता से संपर्क साधने के लिए भारत में पूरी तरह राजनीतिक आम-सहमति है और इस दिशा में व्यापक प्रगति हुई है।
सिंह ने अपने समकक्ष को पठानकोट आतंकी हमले के मामले में जांच में तथा मुंबई आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान में चल रहे मुकदमे में कोई प्रगति नहीं होने के बारे में भी बताया।
दोनों नेताओं ने आतंकवाद को किसी जाति, धर्म या संस्कृति से जोड़ने की बात से इत्तेफाक नहीं जताया।
एक संयुक्त बयान के अनुसार, ‘दोनों पक्षों ने सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ अपने मजबूत रख पर सहमति जताई और कहा कि आतंकवाद सभी देशों और समुदायों के लिए खतरनाक है।’ गृहमंत्री ने बहरीन के उप प्रधानमंत्री शेख अली बिन खलीफा अल खलीफा और विदेश मंत्री शेख खालिद बिन अहमद अल खलीफा से भी अलग अलग मुलाकात की।
कल रात भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा था, ‘आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इससे उपजने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होना पड़ेगा।’ गृहमंत्री ने मोदी सरकार की विभिन्न पहलों को रेखांकित करते हुए कहा कि राजग सरकार ऐसे माहौल का निर्माण कर रही है जिससे हर भारतीय को ‘गर्व’ का अनुभव होगा।
पूनम पुरोहित
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