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*राजीव गांधी का था यह सपना कंप्यूटर क्षेत्र में अग्रणी देश को अपना विषय पर परिचर्चा*

शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी में युवा संकल्प वर्ष 2019-20 के अंतर्गत मध्य प्रदेश शासन के आदेशानुसार एवं प्रभारी प्राचार्य प्रो महेंद्र कुमार के निर्देशानुसार “राजीव गांधी का था यह सपना कंप्यूटर क्षेत्र में अग्रणी देश को अपना”विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में डॉ यू सी गुप्ता,डॉ जी.पी शर्मा ,प्रो पद्मा शर्मा, प्रो पवन कुमार श्रीवास्तव, प्रो मंजुला शर्मा, प्रो शिखा जैमिनी,प्रो मनीषा पांडे, श्री रामप्रकाश भार्गव एवं डॉ रामजी दास राठौर के साथ अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इस परिचर्चा में मयंक राठौर, अवस्था लोधी, छवि गुप्ता,भागेश कुशवाह, सीमा ओझा, विवेक धाकड़ एवं दिव्यांश अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किए। निर्णायक मंडल द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार खुशबू शुक्ला प्रथम स्थान पर, अवस्था लोधी द्वितीय स्थान पर एवं मयंक राठौर तृतीय स्थान पर रहे। खुशबू शुक्ला ने बताया कि राजीव गांधी जी द्वारा प्रारंभ किए गए कंप्यूटर युग का आज हम पूर्ण रूप से आनंद ले रहे हैं लेकिन हमें अपने जीवन में इसका सदुपयोग करना चाहिए। अवस्था लोधी ने बताया राजीव गांधी युवा प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश के युवाओं को कंप्यूटर के साथ जोड़ा। मयंक राठौर ने बताया राजीव गांधी के कार्यकाल में हमारे देश को सुपर कंप्यूटर परम 8000 प्राप्त हुआ तथा एमटीएनएल का प्रारंभ भी उन्हीं के कार्यकाल में किया गया। इस अवसर पर डॉ जीपी शर्मा ने बताया कि राजीव गांधी जी की सोच थी कि हम हमारे देश को प्रगति पथ पर ले जाने के लिए कंप्यूटर का बढ़-चढ़कर प्रयोग करें। जिस समय उन्होंने कंप्यूटर की शुरुआत बैंकिंग क्षेत्र में कराई लगभग बैंकों में 3 माह हड़ताल रही लेकिन बाद में सभी ने स्वीकार किया। मध्य भारत ग्रामीण बैंक में सबसे अंत में कंप्यूटर का प्रयोग प्रारंभ हुआ है। प्रो पवन श्रीवास्तव ने बताया कि आज कंप्यूटर का प्रयोग हम सभी क्षेत्रों में कर रहे हैं चाहे वो रिजर्वेशन,सभी प्रकार के फॉर्म भरना, मौसम की जानकारी, हमें कंप्यूटर के माध्यम से ही प्राप्त हो रही है। परिचर्चा का संचालन करते हुए डॉ. रामजी दास राठौर ने बताया कि राजीव गांधी जी हमारे देश के ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश में उदारवादी व्यवस्था को प्रारंभ किया। वह चाहते थे किआम जनता के हाथों में शक्ति का केंद्रीकरण हो इसलिए उन्होंने पंचायती राज की व्यवस्था की। 21वीं सदी का सपना अपनी आंखों में सजाए राजीव गांधी जी युवा शक्ति की ताकत को पहचानते थे। अतः उन्होंने मतदान की उम्र सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की। उन्होंने नवोदय विद्यालय के माध्यम से शिक्षा का विस्तार किया तथा बेहतर लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष मतदान कराया जा सके उसके लिए ईवीएम प्रणाली की स्थापना की। कंप्यूटर के क्षेत्र में राजीव गांधी जी का यह मानना था कि भारत देश में युवा शक्ति है यदि इस युवा शक्ति को कंप्यूटर टेक्नॉलॉजी के साथ जोड़ दिया जाए तो इस शक्ति का सदुपयोग किया जा सकता है। उनका मानना था कि हम अपने युवाओं को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान कर उन्हें और बेहतर एवं स्वर्णिम भविष्य दे सकते हैं।उनकी प्रेरणा का प्रभाव वर्तमान में भी देखने को मिलता है भारत में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के मामले में हम आज एक सक्षम राष्ट्र के रूप में उभर कर आए हैं। यह राजीव गांधी जी की दूरदर्शिता ही थी कि उन्होंने आने वाले समय में कंप्यूटर के प्रति सदुपयोग को समझ लिया था तथा समय रहते भारत के युवाओं को कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा था। इसलिए आज हम विकास के उच्चतम शिखर पर हैं।

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