अब देश की बढ़ती आबादी पर कंट्रोल (Population Control) करने की तैयारी शुरू हो गई है। इस सिलसिले में आज नीति आयोग (Niti Aayog) में बड़ी बैठक (Meeting) होने जा रही है। इस बैठक में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, विषय से जुड़े एक्सपर्ट और अधिकारी हिस्सा लेंगे।
नई दिल्ली (20 दिसंबर): अब देश की बढ़ती आबादी पर कंट्रोल (Population Control) करने की तैयारी शुरू हो गई है। इस सिलसिले में आज नीति आयोग (Niti Aayog) में बड़ी बैठक (Meeting) होने जा रही है। इस बैठक में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, विषय से जुड़े एक्सपर्ट और अधिकारी हिस्सा लेंगे। बैठक में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर रोडमैप तैयार करने पर चर्चा होगी। बैठक में जनसंख्या नियंत्रण की नीति को मजबूत करने और परिवार नियोजन के कार्यक्रमों पर चर्चा होगी। आपको बता दें कि इस साल स्वंतत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के लालकिले से पीएम मोदी ने भी जनसंख्या नियंत्रण का जिक्र किया था।
जनसंख्या नियंत्रण पर आज नीति आयोग में बड़ी बैठक होने जा रही है। इस बैठक में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया विषय से जुड़े जानकर, विशेषज्ञ और अधिकारी बैठक में हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में जनसंख्या नियंत्रण का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बैठक में चर्चा होगी। इस बैठक में मिले सुझावों पर नीति आयोग एक वर्किंग पेपर तैयार करेगा। जिसमें जनसंख्या नियंत्रण का एक व्यापक विजन होगा। आपको बता दें कि फिलहाल देश की जनसंख्या 1 अरब 37 करोड़ है। जनसंख्या के लिहाज से भारत चीन के बाद दुनियां का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। गौरतलब है कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) पर लंबे समय से बहस जारी है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की माने तो ‘यह सिर्फ एक परामर्श बैठक है। नीति आयोग विजन 2035 के तहत मसौदा तैयार कर रहा है।’ आयोग ने कहा कि भारत अभी उस दौर में है, जहां जन्मदर तो कम हो रही है लेकिन जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण है कि भारत की 30 फीसद जनसंख्या युवा है और वह प्रजनन आयुवर्ग में आती है। उसने कहा, ‘देश में अभी करीब तीन करोड़ महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी आयु 15-49 वर्ष है। इन्हें परिवार नियोजन के लिए गर्भनिरोधक जैसे विकल्पों से अवगत कराने की जरूरत है।’
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे यानी NFHS के 2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक जनसंख्या प्रति महिला 2.2 के करीब आ चुकी है। 2005-06 में यह 2.7 थी। यानी पहले की तुलना में अब प्रजनन दर में गिरावट आयी हैं। शहरी औरतों में यह दर 1.8 बच्चा प्रति महिला है जबकि ग्रामीण महिलाओं में 2.4। प्रजनन दर सिक्किम में सबसे कम 1.2 जबकि बिहार में सबसे ज्यादा 3.4 है।