13 में से 12 निर्दलीय दे रहे हैं कांग्रेस को समर्थन , राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग रोकने के लिए मनाने की कवायद, सरकार में पूछ नहीं होने से नाराज हैं निर्दलीय विधायक
जयपुर। मध्यप्रदेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम का असर राजस्थान पर भी दिख रहा है, हालांकि सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है, बहुमत का आंकड़ा कांग्रेस पार्टी के पास है लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस को समर्थन दे रहे 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों की सुध लेना सरकार ने शुरू कर दिया है।
बताया जाता है कि पिछले दो दिनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ज्यादातर निर्दलीय विधायकों से मुलाकात कर चुके हैं। कई निर्दलीय विधायक सरकार में अपने काम नहीं होने से नाराज बताए जा रहे थे।
हालांकि जो निर्दलीय विधायक कांग्रेस को पार्टी को समर्थन दे रहे हैं उनमें से ज्यादातर वे विधायक हैं जो पूर्व में कांग्रेस से मंत्री और विधायक रह चुके हैं, बीते विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर उन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ा था। चुनाव जीतने के बाद 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया था।
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग का डर
विश्वस्त सूत्रों की माने तो निर्दलीय विधायकों को मनाने की कवायद के पीछे एक वजह राज्यसभा चुनाव भी है। 26 मार्च को राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को एकजुट रखना जरुरी है। नाराजगी के चलते अगर निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी तो कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है।
निर्दलीय विधायकों को मिलाकर विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 119 होती है। यही वजह है कि जबसे मध्य प्रदेश में राजनीतिक उठा-पटक हो रही है तभी से सरकार में निर्दलीय विधायकों को खासी तवज्जो दी जा रही है। स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी निर्दलीयों से मुलाकात कर उनकी पीड़ा सुन रह रहे हैं।
निर्दलीय विधायकों की नाराजगी की एक वजह ये भी
जानकारों की माने तो कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों की नाराजगी की एक वजह ये भी है कि जबसे बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हुए हैं तभी से निर्दलीय विधायक अपने आपको असहज महसूस कर रहे हैं और सरकार में उनकी पूछ भी कम हुई है।
सूत्रों की माने तो कई निर्दलीय विधायकों को आस थी अगर कभी मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो उनका नंबर लग सकता है, लेकिन बसपा विधायकों के शामिल होने से उनकी ये उम्मीदें धराशाही हो गईं।