भोपाल। बीते एक सप्ताह से मध्य प्रदेश के कई जिलों में थमी बारिश की रफ्तार एक बार फिर से शुरू होने वाली है। मंगलवार से शुरु होने वाली ये बारिश बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम के कारण शुरु होगी। फिरहाल बारिश शुरु होगी लेकिन तेज बारिश की संभावनाएं कम हैं। वहीं मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी एवं उसके आसपास कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण ऐसा हो रहा है। दबाव का क्षेत्र होने के कारण हवा के ऊपरी हिस्से में 7.6 किमी की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा बनना शुरु हो गया है जिसके कारण आने वाले 24 घंटे में इसका असर दिखाई देगा। अगस्त माह में अभी तक एक बार भी बारिश की छीटें नहीं पड़ी हैं। बात अगर साल 2006 की करें तो सबसे ज्यादा 36.15 इंच पानी बरसा था। इस साल अगस्त माह में अभी तक एक बार भी बारिश नहीं हुई है।
उत्तरी हिस्से में होगी बारिश
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो बंगाल की खाड़ी में बनने वाला यह सिस्टम मधय प्रदेश में बारिश के साथ नमी एकत्रित करेगा। यहां से गुजरने के बाद 400 मिमी दूर दक्षिण पश्चिम हिस्से में तेज बारिश की आशंका जताई जा रही है। ये सिस्टम जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा वैसे-वैसे तेज बारिश की संभावना भी बढ़ेगी। बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश में हो रही बारिश ट्रफ लाइन के सपोर्ट के कारण बनी हुई है। ट्रफ लाइन अभी ऊपर होने के कानण उत्तर प्रदेश में तेज बारिश हो रही है। आने वाले दिनों में ट्रफ लाइन ऊपर होने के बाद तेज बारिश की संभावना बनी हुई है।
सावन शुरुआत में नहीं हुई बारिश
सावन शुरुआत में नहीं हुई बारिश
ऐसा बीते कई सालों में नहीं हुआ कि सावन की शुरुआत में बारिश की फुहारे न पड़ी हो। इस बार भी सावन में बादलों की आवाजाही बनी रही लेकिन पानी नहीं बरसा। सावन मास के 10 दिन पूरे हो गए। एक बार भी इंद्र देवता प्रसन्न नहीं हुए। हालांकि कई जिलों में हल्की बूंदाबांदी जरूर हुई लेकिन तेज बारिश नहीं हुआ। बीते कई दिन से 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चली।