आज दिनांक 27/07/2020 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का स्थापना दिवस केन्द्रीय प्रशिक्षण महाविद्यालय नीमच में माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, जिसमें मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानन्द राय तथा विशिष्ट अतिथि गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला की उपस्थिति में मनाया गया जिसे वेबिनार के माध्यम से बल के समस्त संस्थानों व कार्यालयों में सीधा प्रसारण किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानन्द राय तथा विशिष्ट अतिथि गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि देकर की गयी।
इसी क्रम में सी आई ए टी स्कूल शिवपुरी ने बल के स्थापना दिवस के कार्यक्रम की शुरुआत श्री मूलचंद पंवार, IGP CIAT स्कूल शिवपुरी के मार्गदर्शन में शहीदों को श्रद्धांजलि देकर प्रारम्भ की, जिसमें श्री सुरेश कुमार यादव, कमांडेंट की अध्यक्षता में संस्थान के श्री पंकज चौधरी, द्वित्तीय कमान अधिकारी, अन्य अधिकरीगण, अधीनस्थ अधिकरीगण एवं संस्थान के कार्मिकों ने भाग लिया । बल के स्थापना दिवस के अवसर पर महानिदेशालय द्वारा इस सी.आई. ए.टी. संस्थान के 09 अधिकारियों व जवानो को “उत्कृष्ट सेवा पदक” से सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर बल के समस्त सदस्यों के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन ‘SAMBHAV लांच किया गया जिससे बल के सभी सदस्य इसका लाभ ले सकेंगे। साथ ही तीन शॉर्ट मूवी जिसमें ‘नेचर वॉरियर्स’, ‘कोरोना वॉरियर्स’ तथा ‘आंतरिक सुरक्षा वॉरियर्स’ का प्रसारण किया गया।
सी.आर.पी.एफ. सबसे पुराना केंद्रीय अर्धसैनिक बल (अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के रूप में जानते हैं) में से एक है जिसे 1939 में क्राउन रिप्रजेंटेटिव पुलिस के रूप में गठित किया गया था। रियासत आजादी के बाद 28 दिसम्बर, 1949 को संसद के एक अधिनियम द्वारा इस बल का नाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दिया गया था।
भारत के हॉट स्प्रिंग (लद्दाख) पर पहली बार 21 अक्तूबर 1959 को चीनी हमले को केरिपुबल ने नाकाम किया, जिसमें बल के दस जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी शहादत की याद में देश भर में हर साल 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वर्तमान समय में सी आर पी एफ में 246 बटालियन, जिसमें 6 महिला बटालियन, 15 RAF बटालियन, 10 कोबरा बटालियन सहित विश्व के सबसे बड़ा अर्ध सैनिक बल का खिताब लेकर देश की आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में अतुलनीय योगदान दे रहा है। आज तक 2200 बल के जवानों व अधिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर आंतरिक सुरक्षा को अक्षुण्ण रखा है ।