भारतीय युवा भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाएंगे : प्रणब मुखर्जी
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कु.शिवानी राठौर महिला पिछड़ा वर्ग जिला अध्यक्ष कांग्रेस शिवपुरी ने अपने युवा साथियों सहित श्रद्धांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कु. शिवानी राठौर ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जीवन एवं राजनीतिक उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बताया कि भारत के 13वें राष्ट्रपति, कांग्रेस और देश के दिग्गज नेता रहे प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे.इससे पहले वे छह दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे और उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक माना जाता था. 2019 में मुखर्जी को सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूमि जिले के किरनाहर के निकट मिटरी गाँव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी था.इनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे. जिन्होंने 10 वर्ष से अधिक जेल की सजा भी काटी थी. वे पश्चिम बंगाल की विधान परिषद में 1952 से 1964 तक सदस्य रहे और वीरभूमि जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रह चुके थे. इनकी माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था इन्होंने वीरभूमि के सूरी विद्यासागर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की.कलकत्ता विश्वविद्यालय से इन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और कानून की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद इन्होंने मानद डीo लिटo की उपाधि भी हासिल की.
इन्होंने अपना करियर 1963 ईo में विद्यानगर कॉलेज में राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक के रूप में प्रारंभ किया और बाद में पत्रकार के रूप में कार्य शुरु किया. इन्होंने पोस्ट एंड टेलीग्राफ ऑफिस में एक क्लर्क के तौर पर भी नौकरी की. इसके अतिरिक्त ये एक अच्छे वकील, ‘बंगाल साहित्य परिषद्‘ के ट्रस्टी और ‘अखिल भारत बंग साहित्य सम्मलेन‘ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
इन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुवात 1969 ईo में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सदस्य के रूप में की इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर चुने गए. 1973 ईo में औद्योगिक विकास विभाग में केंद्रीय उप-मंत्री के रूप में नियुक्त किये गए.1997 ईo में इन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया. 2004 में इन्होंने पहली बार लोकसभा की जंगीपुर ( पश्चिम बंगाल ) सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
इंदिरा गाँधी की सरकार में 15 जनवरी 1982 से 31 दिसंबर 1984 तक वित्त मंत्री के पद पर कार्य किया.पीo वीo नरसिम्हा राव सरकार में 24 जून 1991 से 15 मई 1996 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे. पीo वीo नरसिम्हा राव सरकार में 10 फरवरी 1995 से 16 मई 1996 तक भारत के विदेश मंत्री रहे. मनमोहन सिंह की सरकार में 22 मई 2004 से 26 अक्टूबर 2006 तक भारत के रक्षा मंत्री रहे. मनमोहन सरकार में 24 जनवरी 2009 से 26 जून 2012 तक भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री के पद पर कार्य किया.
पीo एo संगमा को 70% वोटों से हराकर 25 जुलाई 2012 को प्रणब मुखर्जी गणतंत्र भारत के 13 वें राष्ट्रपति बने. और इस पद पर अपने 5 वर्ष के कार्यकाल को पूरा कर 25 जुलाई 2017 को सेवानिवृत्त हुए.ये पहले बंगाली थे जो राष्ट्रपति बने.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कई प्रकार के सम्मान प्राप्त किए.
1984 में यूरेनमनी पत्रिका द्वारा विश्व के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के रूप में इनका मूल्यांकन किया गया. 2007 में इन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. 2010 में इन्हें फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ़ द ईयर फॉर एशिया से सम्मानित किया गया.
भारतीय नागरिकों के लिए प्रणब मुखर्जी जी के विचार एक बेहतर जीवन दर्शन प्रदान करते हैं उनके विचार में:
1. भारतीयों के रूप में, हमें निश्चित रूप से अतीत से सीखना चाहिए ; लेकिन हमें भविष्य पर ध्यान केंद्रित रहना चाहिए. मेरे विचार से, शिक्षा वह वास्तविक रस-विधा है जो भारत को अपने अगले स्वर्ण युग में ला सकता है.
2. भारत के युवा लोग एक मजबूत और शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण करेंगे जो राजनीतिक रूप से परिपक्व और आर्थिक रूप से मजबूत राष्ट्र होगा, जिसमे राष्ट्र के लोग उच्च गुणवत्ता का जीवन और न्याय दोनों का आनंद ले सके.
3. भारत वह देश है जहाँ बहुत गरीबी है ; भारत एक आकर्षक, उत्थान सभ्यता है जो सिर्फ हमारे शानदार कला में ही नहीं निखरती बल्कि हमारे शहर और गांव के रचनात्मकता और हमारे दैनिक जीवन की मानवता में भी निखर उठती है.
4. हमारी पीढ़ी में, हमारे रोल मॉडल गांधी और नेहरू थे. वे प्रतिष्ठित है. वे व्यक्तित्व की पूजा अर्चना करते थे.मैंने नेहरू जी के लगभग हर भाषण पढ़ा है.
5. हमारी माँ के लिए हम सभी बच्चे समान है, और भारत सभी से यह पूछ रहा है कि हम इस राष्ट्र निर्माण के जटिल नाटक में अपनी कौन सी भूमिका निभा रहे है , हमारा कर्तव्य है की हम हमारे संविधान में प्रतिष्ठापित मूल्यों के प्रति निष्ठा व प्रतिबद्धता रखे.
6. सम्पूर्ण भारत सिर्फ भारत के लिए बना है, और समृद्धि के उच्च पद पर बैठने की इच्छा से प्रेरित है. यह अपने मिशन में आतंकी गतिविधियों द्वारा भी नहीं हटेगा.
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी काफी समय से आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में ब्रेन सर्जरी के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे.प्रणब मुखर्जी की उम्र 84 साल थी, हाल ही में ब्रेन सर्जरी से पहले प्रणब मुखर्जी का कोरोनावायरस टेस्ट किया गया, जिसमें वह कोरोना से संक्रमित (कोविड-19 पॉजिटिव) पाए गए थे. प्रणब मुखर्जी को डॉक्टर की सलाह के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. 31 अगस्त 2020 को सायंकाल 5:50 पर 84 वर्ष की आयु में दिल्ली में निधन हो गया. भारतीय राजनीति में प्रणब मुखर्जी के विशिष्ट योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. इस अवसर पर शाहिन कुरेँशी, श्री मति पवन सेन, शुभम राठौर, अमन राठौर आदि मोजूद थे