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सिंधिया गुना छोड़ ग्वालियर से लड़ सकते हैं चुनाव,

   

मध्यप्रदेश की 29 में से 20 से ज्यादा सीटें जीतने की जुगत में पार्टी कांग्रेस

Manthannews.in(9907832876)

भोपाल. लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में सियासी समीकरण लगातार बदल रहे हैं। 20 से ज्यादा सीटें जीतने की जुगत में लगी कांग्रेस सियासी चौसर पर अपने मोहरे बदलने लगी है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अब दिग्गज नेताओं के खाने बदले जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना के बदले ग्वालियर से चुनाव लडऩे का मन बना रहे हैं। सर्वे की रिपोर्ट में गुना की परिस्थितियां अनुकूल नहीं बताई गईं।
दिग्विजय सिंह को राजगढ़ की जगह भोपाल से चुनाव लडऩे को कहा गया है। वहीं, अजय सिंह सतना को छोड़कर सीधी की राह पर बढ़ चले हैं। दिल्ली में हुई बैठक के बाद नेताओं ने इस तरह के संकेत दिए हैं। राजगढ़ का उम्मीदवार तय करने की जिम्मेदारी दिग्विजय के अलावा मंत्री जयवद्र्धन सिंह, प्रियव्रत सिंह और विधायक लक्ष्मण सिंह पर छोड़ दी गई है। सुंदरलाल तिवारी के निधन के बाद अब रीवा में दूसरे ब्राह्मण नेता की तलाश की जा रही है।
सिंधिया के लिए ग्वालियर सुरक्षित
पार्टी की सर्वे रिपोर्ट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को चौंका दिया है। गुना में अंदरूनी विरोध और एंटीइन्कम्बेंसी से नुकसान होने की आशंका को देखते हुए सिंधिया अब ग्वालियर से चुनाव लडऩे का मन बना रहे हैं। अभी तक सिंधिया और उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी सिंधिया ने गुना संसदीय क्षेत्र में फोकस कर रखा था। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद मामला अधर में है। संभावना जताई जा रही है कि राहुल गांधी से चर्चा के बाद सिंधिया ग्वालियर से उतरेंग। विधानसभा चुनाव में भी गुना संसदीय सीट पर कांग्रेस 16 हजार 499 वोटों से पिछड़ी है। गुना की 8 विधानसभा सीटों में से शिवपुरी में 28 हजार और गुना में 33 हजार वोटों से भाजपा से पिछड़ी है। कोलारस में भी भाजपा कांग्रेस से आगे निकल गई है।
दिग्विजय की बदली सीट
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का राजगढ़ से नाम तय हुआ था, लेकिन कांग्रेस को भोपाल सीट के लिए कोई बड़ा जिताऊ चेहरा नहीं मिल पाया है। लिहाजा, दिग्विजय को इस सीट पर उतारने की चर्चा है। पार्टी को लगता है कि दिग्विजय के पास चुनाव जीतने का लंबा अनुभव है। साथ ही उनका बड़ा जनाधार है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। पार्टी ने दिग्विजय को इस बात के संकेत दे दिए गए हैं कि वे भोपाल से अपनी तैयारी कर लें। हालांकि इसका अंतिम फैसला भी दिल्ली दरबार से ही होगा।
अजय ने पकड़ी सीधी राह
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सतना से लोकसभा चुनाव लडऩे की तैयारी में थे। पिछले लोकसभा चुनाव में वे सतना से बेहद कम अंतर से पराजित हुए थे। अब पार्टी ने उन्हें सीधी से लडऩे की सलाह दी है। सर्वे में यह बात सामने आई है कि सतना में अजय सिंह का विरोध हो रहा है, जिससे एक बार फिर उन्हें परेशानी आ सकती है। अजय सिंह ने सतना छोड़कर अब सीधी की राह पकड़ ली है। कार्यकर्ता सीधी में चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के अनुसार, चुनाव में सर्वे के आधार पर उम्मीदवार तय किए जा रहे हैं। कौन-कहां से चुनाव लड़ेगा, ये केंद्रीय चुनाव समिति तय करेगी। पूरी परिस्थितियों को देखकर ही जिताऊ उम्मीदवार तय किए जाएंगे।

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