राज्य के पेंशनर्स को वर्तमान में ५ प्रतिशत महंगाई राहत मिल रही है जबकि कर्मचारियों का डीए ५ से बढ़कर ७ प्रतिशत हो गया है। हाल ही में कैबिनेट बैठक के दौरान कर्मचारियों का दो प्रतिशत डीए बढ़ाए जाने का निर्णय लिया जा चुका है। उनको यह लाभ पिछले वर्ष जुलाई २०१८ से मिलेगा। फरवरी माह तक के डीए का एरियर उनके खाते में जमा होगा और मार्च से उन्हें इसका नगद लाभ मिलेगा। जबकि पेंशनर्स के मामले में कोई निर्णय नहीं हो पाया है। कर्मचारियों का डीए बढऩे के बाद पेंशनर्स ने राज्य सरकार पर दबाव बनाया है। वे भी कर्मचारियों के डीए की तरह पेंशन राहत में इजाफा चाहते हैं।
पिछले वर्ष का मामला अटका –
पेंशनर्स को जनवरी २०१८ की महंगाई राहत की दो प्रतिशत किस्त का इंतजार था। राज्य कर्मचारियों को जुलाई २०१८ से दो प्रतिशत डीए मिलने के बाद उनकी जुलाई की किश्त भी लंबित हो गई है। इस तरह उन्हें अब चार प्रतिशत महंगाई राहत चाहिए। इस संबंध में वे मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री सहित मुख्य सचिव से भी मुलाकात कर चुके हैं। पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष गणेश दत्त जोशी का कहना है कि पेंशनर्स के मामले में हर बार सहमति मांगना पड़ती है, इसका उपाय यही है कि दोनों राज्य स्थाई सहमति दे दें जिससे बार-बार सहमति की जरूरत नहीं पड़ेगी। या फिर इसके लिए फण्ड निर्धारित कर दिया जाए तो बेहतर होगा।
कर्मचारियों को DA मिला, पेंशनर्स को महंगाई राहत नहीं
भोपाल। राज्य के सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को दो प्रतिशत डीए मिलने के बाद भी पेंशनर्स को महंगाई राहत के लिए इंतजार करना होगा। एेसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार को छत्तीसगढ़ से सहमति चाहिए।