भोपाल। गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले पर मध्य प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि वह इसके लिए समित बनाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लेगी। विधानसभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान किया है कि आरक्षण लागू करने के लिए मन्त्रिमंडल समिति बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति आरक्षण लागू करने के पहलुओं पर विचार करेगी।
इसके अलावा विधानसभा में प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट ने अंतरिम बजट और लेखानुदान पेश किया। वित्त मंत्री तरुण भनोट ( Tarun Bhanot ) ने पटल पर सप्लीमेंट्री बजट और लेखानुदान रखा। सप्लीमेंट्री बजट करीब 77 हजार करोड़ रुपए का है। विधानसभा सत्र शुरू होते ही नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और मांग की कि मध्य प्रदेश में गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए। इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Chief Minister Ashok Gehlot ) ने ऐलान किया था कि प्रदेश में गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया जाएगा।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा दांव खेला है। आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति को रिझाने के लिए सरकार ने आरक्षण देने की घोषणा की है। कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दी है। इस आरक्षण का फायदा ऐसे लोगों को मिलेगा जिसकी कमाई सलाना 8 लाख से कम है।