पिछली बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की जिम्मेवारी ले जनरल रणबीर सिंह की है क्योंकि वे ही उत्तरी कमान के चीफ कमांडर हैं। कश्मीर की ये लड़ाई उनके अंडर में ही लड़की जाएगी। सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो रहे लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह बचपन से होशियार रहे हैं। पढ़ाई के दौरान हमेशा उन्होंने टॉप किया। बाद में सेना में भी उन्होंने ये सिलसिला जारी रखा। रणबीर पंजाब के होशियारपुर के गांव अंबाला जट्टां के रहने वाले हैं। भले ही वे सेना में पोस्टिंग के चलते पंजाब में नहीं रहे, लेकिन अपने गांव से आज भी उनकी जड़ें जुड़ी हुई हैं। गांव के ही सरकारी स्कूल में उन्होंने शुरुआती शिक्षा हासिल की।
लेफ्टिनेंट तकरीबन 42 साल पहले गांव से जालंधर आ गए। उनके पिता पाकिस्तान के लायलपुर में शिक्षक थे। बताते हैं कि छुट्टियों के वक्त वे अंबाला जट्टां आए थे। तभी देश का बंटवारा हो गया। उसके बाद से रणवीर सिंह का परिवार यहीं बस गया। बताया जाता है कि पाकिस्तान न लौट पाने पर उनके परिवार को गांव में ही एक कच्चा मकान दे दिया गया। उसी मकान में रणबीर सिंह का जन्म हुआ। गांव के स्कूल में पढ़ने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए रणबीर अंबाला से कपूरथला के सैनिक स्कूल आ गए। रणवीर वहां भी टॉपर ही रहे। उसके बाद रणबीर सिंह 1980 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के लिए चुने गए। उनकी पहली पोस्टिंग 9 डोगरा रेजीमेंट में हुई थी।
जब रणबीर सिंह बहुत छोटे थे तभी उनके पिता का साया उनके सिर से उठ गया था। बचपन से ही उनका सपना सेना में जाने का था। उनके चाचा मनमोहन सिंह ने उनका लालन-पालन किया जो कि भारतीय सेना में कर्नल थे। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद रणबीर सिंह के गांव में जश्न का माहौल था। गांव के सभी लोगों का सिर अपने सपूत की वजह से और ऊंचा हो गया था।
बन गया है सेना का प्लान…बस थोड़ा इंतजार करिए दुनिया के नक्शे से साफ हो जाएगा पाकिस्तान
New Delhi : दो साल पहले पाकिस्तान को उसी की मांद में घुसकर सबक सिखाने की खबर पूरे देश को देने वाले लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह को कल पीएम मोदी ने मीटिंग के लिए बुलाया। उच्च स्तरीय इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल थे। इस बैठक में सेना को पूरी तरह से छूट दी और सेना ने भी पाकिस्तान से बदला लेने का प्लान बना लिया है।