एससी के कल्याण के लिए आवंटन में 35.6 प्रतिशत और एसटी के कल्याण के लिए आवंटन में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरीनई दिल्ली। मोदी सरकार ने मौजूदा कार्यकाल के आखिरी बजट में एससी-एसटी का पूरा ख्याल रखा। अपने बजट भाषण में कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण के लिए आवंटन राशि में भारी वृद्धि करने का प्रस्ताव किया गया है।
अनूसूचित जातियों के लिए 2018-19 के बजट अनुमानों में 56,619 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जिसे संशोधित बजट अनुमानों में बढ़ाकर 62,474 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 2019-20 के बजट अनुमानों में इसमें और वृद्धि करके 76,800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इस प्रकार इसमें 2018-19 के बजट अनुमानों की तुलना में 35.6 % बढ़ोतरी हुई है।
अनुसूचित जनजातियों के लिए भी बजट अनुमान 2019-20 में 50,086 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। इस प्रकार 2018-19 के बजट अनुमान में किये गए 39,135 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 28 % की वृद्धि दर्ज की गई है।
गोयल ने बताया, विनिवेश राशि के संबंध में सरकार इस वर्ष 80,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार करने के बारे में आश्वस्त है। सरकार ने बजट सार दस्तावेज के अनुसार बजट अनुमान 2019-20 में 90,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।
हमने सार्वजनिक उद्यम परिसम्पत्ति प्रबंधन एजेंडा शुरू किया है ताकि इन उद्यमों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जा सके। अब 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कुल बाजार पूंजीकरण के साथ 57 सीपीएसई सूचीबद्ध हैं। वर्ष 2017-18 के दौरान विनिवेश से एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि सरकार को प्राप्त हुई है।