मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों को सादगी का पाठ पढ़ाया है. कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में उन्होंने मंत्रियों को ‘हाऊ टू बिहैव’ भी सिखाया. उन्होंने मंत्रियों को आम लोगों के प्रति अपना व्यवहार नरम रखने की भी सलाह दी है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों को सादगी का पाठ पढ़ाया है. कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में उन्होंने मंत्रियों को ‘हाऊ टू बिहैव’ भी सिखाया. उन्होंने मंत्रियों को आम लोगों के प्रति अपना व्यवहार नरम रखने की भी सलाह दी है. कमलनाथ ने मंत्रियों को फिजूलखर्ची से बचने और लग्जरी होटलों में रुकने से बचने की सलाह दी.ऐसा लगता है कि उन्होंने आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर यह नहीसत दी कि प्रदेश के मंत्री किसी भी आयोजन में शामिल होने से पहले संबंधित लोगों के बारे में पूरी जानकारी जुटा लें. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एमपी सरकार की छवि को चमकाने के लिए मंत्रियों को सादगीपूर्ण जीवनशैली को अपनाना होगा.भोपाल में हुई कमलनाथ कैबिनेट की बैठक में बिजली बिलों को लेकर आ रही शिकायतों से युद्ध स्तर पर निपटने का फैसला लिया गया. कैबिनेट ने प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव वी पी सिंह को राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाने के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दे दी. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में कमलनाथ कैबिनेट ने कई बड़े फैसले लिए. उसने आदिवासी इलाकों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए झाबुआ, मंडला और हरसूद के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में छात्रों को मुफ्त में शिक्षा देने का फैसला किया.कैबिनेट का फोकस बिजली और बिलों को लेकर आ रही शिकायतों पर रहा. कैबिनेट ने बिजली बिलों के संबंध में आ रही शिकायतों का समाधान करने के लिए हर जिले में कैंप लगाने का फैसला किया. इसके लिए हर ज़िले में एक कमेटी बनाई जाएगी. जहां ग़लत बिल आ रहे हैं उन उपभोक्ताओं की शिकायतें दूर की जाएंगी, लेकिन जहां उपभोक्ता बिल अदा करने में आनाकानी कर रहे हैं, उनसे पैसे वसूलने के लिए कमेटी बनायी जाएगी