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मध्य प्रदेश में दोहराया जा सकता है कर्नाटक एपीसोड, बचने के लिए कांग्रेस ने उठाया ये कदम

भोपाल। 15 साल बाद सरकार में लौटी कांग्रेस के लिए अगले चार-पांच दिन अग्नि परीक्षा से कम नहीं हैं। खुद के असंतुष्ट और सहयोगी दलों सहित निर्दलीय विधायकों को स्पीकर के चुनाव तक पार्टी एकजुट रखना चाह रही है। इसके लिए राजधानी के होटलों में ठहराने के इंतजाम भी किए गए हैं। उनसे मिलने-जुलने वालों पर नजर रखने के लिए कांग्रेस के लोगों को भी उनके साथ ही ठहराया जा रहा है।
कांग्रेस को डर है कि भाजपा कर्नाटक की तरह उनके विधायकों को प्रलोभन में फंसा सकती है। कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए राजभवन को अपने 114 विधायकों के साथ चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी के विधायकों के आधार पर बहुमत जताया था।
कांग्रेस ने विधायकों के लिए की होटल में व्यवस्था
मंत्रिमंडल गठन के बाद पनपे असंतोष और भाजपा द्वारा स्पीकर का चुनाव लड़ने की खबरों से कांग्रेस सहमी हुई है। मायावती द्वारा भी समर्थन वापसी की धमकी ने कांग्रेस की नींद उड़ा रखी है। कांग्रेस सूत्रों ने भी स्वीकार किया कि वह ऐसे सभी विधायकों के संपर्क में है। इधर एक लक्जरी होटल में रियल स्टेट कंपनी के नाम से कमरों की बुकिंग कराई गई है। इसमें कल से राजधानी पहुंचने वाले विधायकों को ठहराया जाएगा।
सरकार गिराना चाहती है भाजपा: दिग्विजय
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराना चाहती है। उसके कुछ विधायक कांग्रेस विधायकों को खरीदने के लिए रुपए लेकर घूम रहे हैं। मगर कांग्रेस विधायक इतने कमजोर नहीं हैं कि वे बिक जाएं। दिग्विजय सिंह ने यह आरोप एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में लगाए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि जिस तरह 2003 में वे अकेले पड़ गए थे, उसी तरह 2018 में शिवराज सिंह चौहान अकेले पड़ गए और भाजपा हार गई। कांग्रेस में सभी नेताओं के प्रयासों से प्रदेश में सरकार बन सकी है।

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