रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरी तैयारी कर ली है। वह राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मुद्दे पर 193 के तहत चल रही चर्चा पर राहुल गांधी के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। सूत्र बताते हैं कि रक्षा मंत्री आज भी इसी तैयारी से संसद भवन आई थीं, लेकिन शीर्ष स्तर पर राफेल पर चर्चा का जवाब आज न देने पर सहमति बनी। दूसरे, प्रधानमंत्री को भी पंजाब के जालंधर और गुरुदासपुर में जनसभा में हिस्सा लेना था। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी की मणिपुर और असम में जनसभा प्रस्तावित है। पांच जनवरी को वह उड़ीसा और झारखंड में होंगे। ऐसे में शुक्रवार को रक्षा मंत्री द्वारा चर्चा का जवाब देने की पूरी संभावना है।मोदी को देना चाहिए चर्चा का जवाब
हालांकि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राफेल पर चर्चा का जवाब देने को लेकर भी विचार हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ सवालों के जवाब मांगा है। पार्टी के कुछ नेताओं की राय है कि इस पर प्रधानमंत्री मोदी को ही चर्चा का जवाब देना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी एक अच्छे वक्ता हैं। वह व्यंजना, लक्षणा का बखूबी इस्तेमाल करते हैं और उन्हें राहुल गांधी के सवालों का जवाब देने के साथ कांग्रेस के उत्साह की भी हवा निकाल देनी चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री ने इसको लेकर अभी कोई स्पष्ट मन नहीं बनाया है। ऐसे में समझा जा रहा है कि राफेल के मुद्दे पर चर्चा का जवाब रक्षा मंत्री होने के नाते निर्मला सीतारमण दे सकती हैं।
होगा वार-पलटवार
राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर यह चर्चा बुधवार को शुरू हुई थी, लेकिन अभी तक अधूरी है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण यह पूरी नहीं हो सकी है। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने अंदाज में पूरी तरह से आक्रामक होकर आरोप लगाया। राहुल के बाद चर्चा के लिए खड़े हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने जहर बुझे तीरों से कांग्रेस अध्यक्ष को जमकर लहू लुहान किया। बात यही खत्म नहीं हुई। कांग्रेस अध्यक्ष थोड़ी देर बाद लोकसभा से बाहर आए और बुधवार को सायं 6.30 बजे प्रेसवार्ता करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर फिर गंभीर आरोप लगाया। प्रधानमंत्री से कुछ सवाल भी पूछे। जेटली पर भी वार किया। राहुल गांधी के इस प्रयास पर वित्तमंत्री ने बृहस्पतिवार तीन जनवरी को कड़ी प्रतिक्रिया दी। वित्त मंत्री ने उनकी दादी इंदिरा गंधी का बिना नाम लिए कहा कि देश में इमरजेंसी लगाने वाली के पोती ने अपना डीएनए दिखा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राफेल की परीक्षा छोड़कर पंजाब भाग गए हैं।
संसद में आखिरी लड़ाई
राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मुद्दे पर माना जा रहा है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में यह आखिरी लड़ाई है। संसद के शीतकालीन सत्र के सत्रावसान के बाद यह लड़ाई सड़क और जनता के बीच में चली जाएगी। इसलिए सरकार भी विपक्ष पर हमले को लेकर कोई कसर छोडऩे के मूड में नहीं है। विपक्ष जहां इस मुद्दे पर जेपीसी की जांच की मांग पर अड़ा है, वहीं केन्द्र सरकार इस पर कान भी नहीं दे रही है। मुद्दे की अहमियत को ध्यान में रखकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने रणनीतिक तैयारी तेज कर दी है। भाजपा ने अपने सांसदों को शुक्रवार तक संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। कांग्रेस ने भी अपने सांसदों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया है। इस तरह से अगले सप्ताह 10 जनवरी तक प्रस्तावित शीतकालीन सत्र तक जोरदार टकराव देखने को मिल सकता है।
राहुल गांधी पर पलटवार की तैयारी, सरकार दाग सकती है 'मिसाइलें
राहुल गांधी-नरेंद्र मोदी