भोपाल । प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों को आसानी से भूमि उपलब्ध हो सके, इसके लिये उद्योग विभाग ने एक लाख 20 हजार एकड़ भूमि को शामिल करते हुए लैंड बैंक तैयार किया है। लैंड बैंक में उपलब्ध कुल भूमि में से 15 हजार एकड़ भूमि को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा चुका है। प्रदेश में 2000 करोड़ रुपये लागत से 10 नये औद्योगिक क्षेत्र का विकास प्रारंभ किया गया है।
औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि के मूल्य को नियंत्रित रखने के लिये बाहरी अधोसंरचना का कार्य राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में किया जा रहा है। इसके साथ ही आतंरिक अधोसंरचना पर होने वाले खर्च का 40 फीसदी हिस्सा भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
इस व्यवस्था से औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि का मूल्य 200 रुपये प्रति वर्गफुट से कम ही रहता है। औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम में संशोधन किया जाकर यह व्यवस्था की गई है कि औद्योगिक इकाइयां 99 वर्ष तक की अवधि के लिये भूमि लीज पर ले सकती है।
औद्योगिक भूमि लीज पर प्राप्त करने के बाद वित्तीय संसाधन जुटाने के लिये बैंक को मॉर्डगेज की जा सकती है। इसके लिये उद्योगपति को अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। भूमि आवंटन संबंधी नियम में यह भी प्रावधान रखा गया है कि लीज ली गई औद्योगिक भूमि वेण्डर इकाइयों को सब-लीज पर दी जा सकती है।
पूनम पुरोहित