आम चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को अच्छी खबर दे सकती है। फरवरी के अंत तक उनके वेतन में इजाफा किया जा सकता है। वेतन बढ़ोतरी से जुड़े ये कयास नेशनल ज्वॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के प्रमुख शिव गोपाल मिश्रा के एक बयान के बाद से लगाए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में उनके हवाले से कहा गया था कि केंद्रीय कर्मचारियों को बेसिक मिनिमम पे में बढ़ोतरी करने को लेकर सरकार वाकई में गंभीर है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार डियरनेस अलाउंस (डीए) में इजाफा कर सकती है। हालांकि, न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी होगी या नहीं, इस पर स्थिति साफ नहीं है। माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक के बाद इस महीने के अंत तक इस बाबात ऐलान कर दिया जाएगा। सरकार से जुड़े सूत्रों पर यकीन करें तो मोदी सरकार मूल न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करना चाहती है, पर समस्या यह है कि उससे सरकारी खजाने पर अत्यधिक बोझ बढ़ जाएगा।
हालांकि, डीए में जरूर इजाफा किया जा सकता है। वेतन बढ़ोतरी को लेकर तरह-तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर इस संबंध में ऐलान हो गया, तो बढ़ी रकम कब से मिलेगी? क्या यह फैसला तत्काल प्रभाव में आ जाएगा? फिलहाल इस संबंध में किसी प्रकार की पुष्टि या जानकारी नहीं है।
वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय कर्मचारी सातवें वेतन आयोग पर अपनी मांगों को लेकर टस से मस होते नहीं नजर आ रहे हैं। उनका मानना है कि इस प्रकार की छोटी-मोटी रियायतों से लंबे समय तक उनका फायदा नहीं होगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में 18 हजार रुपए न्यूनत वेतन तय किया गया है, जबकि केंद्रीय कर्मचारी इसे बढ़ाकर 26 हजार रुपए करने की मांग पर अडिग हैं।
दरअसल, चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार कर्मचारियों को नाखुश नहीं करना चाहती है। पहले, केंद्र ने सातवें वेतन आयोग के लाभों का विस्तार शिक्षाविदों तक किया और उसके बाद नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में बदलाव किए, जिसे लेकर राज्य और केंद्र के कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में आने वाले समय में केंद्रीय कर्मचारियों को केंद्र से खुशखबरी मिलने की संभावना जताई जा रही है।