कर्जमाफी का मास्टर स्ट्रोक
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को लंबे समय के बाद मिली जीत से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह है। कांग्रेस की सरकार बनते ही किसान कर्जमाफी के वादें को पूरा करने की कवायद शुरू हो गयी है। अब लोकसभा चुनाव 2019 नजदीक है ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर किसानों के बल पर सत्ता में आने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दी है। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस कर्जमाफी का मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है।
मिशन 2019 : कांग्रेस की रणनीति
मिशन 2019 यानी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में सत्ता और संगठन ने मिलकर बिसात बिछाना तय किया गया है। कमलनाथ मुख्यमंत्री होने के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। इस कारण लोकसभा चुनाव के लिए सत्ता-संगठन में समन्वय की रणनीति तैयार की गई है। मंत्रियों को उनके प्रभार वाले जिलों का जिम्मा दिया जाएगा। साथ ही उन्हें अपनी विधानसभा सीट के इलाके में भी काम करना होगा। मंत्रियों को गांवों में रात भी बिताना होगा। इसका मकसद कार्यकर्ताओं और जनता से कनेक्टिविटी बनाना है।
ऐसी हैं बदली परिस्थितियां
लोकसभा चुनाव के लिए उन इलाकों पर विशेष फोकस किया जाएगा, जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हुआ है। विधानसभा चुनाव के परिणामों में कांग्रेस ने पाया है कि वह लोकसभा चुनाव के हिसाब से 29 में से 12 सीटों पर आगे है। इनमें कांग्रेस ने मौजूदा तीन लोकसभा सीट छिंदवाड़ा, रतलाम-झाबुआ और गुना में से केवल गुना में झटका खाया है। ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस का प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में बहुत बेहतर रहा है, इसलिए कांग्रेस इन इलाकों में दिग्गज नेताओं के साथ अपने मंत्री और विधायकों की जिम्मेदारी भी तय करेगी।