शिवराज की घोषणा को कमलनाथ ने किया लागू@Tax Benefit, करीब 40 हज़ार कर्मचारी होंगे लाभांवित!…
Govt. Gift in Hindi : केंद्रीय बजट से ठीक पहले कर्मचारियों को मिला ये बड़ा तोहफा
भोपाल। केंद्रीय बजट से ठीक एक दिन पहले राज्य के सरकारी कर्मचारियों को प्रदेश की सरकार Tax Benefits ने बड़ी राहत दी है। इसके तहत सरकार ने कर्मचारियों को प्रोफेशनल टैक्स में राहत देने के आदेश जारी कर दिए हैं।
जिसके अनुसार अब 2 लाख 25 हजार तक की वार्षिक आय पर टैक्स नहीं लगेगा। दरअसल इस संबंध में 2018 की तत्कालीन सरकार ने घोषणा की थी, जिसके आदेश कमलनाथ सरकार ने जारी कर दिए हैं। इसके चलते करीब 40 हज़ार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रोफेशनल टैक्स @Tax Benefit से मुक्त होंगे।
सामने आ रही जानकारी के अनुसार राज्य शासन ने सरकारी कर्मचारियों पर लगने वाले प्रोफेशनल टैक्स को लेकर एक आदेश जारी किया है। इसके तहत 2.25 लाख की सालान आय पर कर्मचारियों को कोई प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगेगा।
इससे पहले एक लाख 80 हजार रुपए तक आय वालों को प्रोफेशनल टैक्स देना होता था। इससे अधिक वार्षिक वेतन या मजदूरी वालों को ढाई हजार रुपए देना होता था। अब इन लोगों की प्रोफेशनल टैक्स (वृत्ति कर) की सीमा बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रुपए कर दी गई है।
यानि अब 2 लाख 25 हजार रुपए से कम वार्षिक वेतन वालों को कोई प्रोफेशनल टैक्स नहीं देना होगा। इसी प्रकार दो लाख 25 हजार रुपए से तीन लाख रुपए तक वार्षिक वेतन वालों से डेढ़ हजार रुपए प्रोफेशनल टैक्स लिया जाएगा, यानी सरकार ने सीमा भी बढ़ाई और टैक्स भी कम कर दिया।
इसी प्रकार तीन लाख से चार लाख के बीच वार्षिक वेतन वाले कर्मचारियों को ढाई हजार रुपए से घटाकर दो हजार रुपए प्रोफेशनल टैक्स देना होगा।
जिसके अनुसार अब 2 लाख 25 हजार तक की वार्षिक आय पर टैक्स नहीं लगेगा। दरअसल इस संबंध में 2018 की तत्कालीन सरकार ने घोषणा की थी, जिसके आदेश कमलनाथ सरकार ने जारी कर दिए हैं। इसके चलते करीब 40 हज़ार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रोफेशनल टैक्स @Tax Benefit से मुक्त होंगे।
सामने आ रही जानकारी के अनुसार राज्य शासन ने सरकारी कर्मचारियों पर लगने वाले प्रोफेशनल टैक्स को लेकर एक आदेश जारी किया है। इसके तहत 2.25 लाख की सालान आय पर कर्मचारियों को कोई प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगेगा।
इससे पहले एक लाख 80 हजार रुपए तक आय वालों को प्रोफेशनल टैक्स देना होता था। इससे अधिक वार्षिक वेतन या मजदूरी वालों को ढाई हजार रुपए देना होता था। अब इन लोगों की प्रोफेशनल टैक्स (वृत्ति कर) की सीमा बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रुपए कर दी गई है।
यानि अब 2 लाख 25 हजार रुपए से कम वार्षिक वेतन वालों को कोई प्रोफेशनल टैक्स नहीं देना होगा। इसी प्रकार दो लाख 25 हजार रुपए से तीन लाख रुपए तक वार्षिक वेतन वालों से डेढ़ हजार रुपए प्रोफेशनल टैक्स लिया जाएगा, यानी सरकार ने सीमा भी बढ़ाई और टैक्स भी कम कर दिया।
इसी प्रकार तीन लाख से चार लाख के बीच वार्षिक वेतन वाले कर्मचारियों को ढाई हजार रुपए से घटाकर दो हजार रुपए प्रोफेशनल टैक्स देना होगा।
जबकि चार लाख से अधिक वार्षिक वेतन वालों के लिए वार्षिक प्रोफेशनल टैक्स की दर दो हजार 500 रुपए किया गया है।
शिवराज सरकार की थी घोषणा…
सरकारी कर्मचारियों को प्रोफेशनल टैक्स में राहत देने वाली ये घोषणा पिछली शिवराज सरकार ने की थी। उस समय इसे बजट में भी लाया गया था, लेकिन इसको लागू किए जाने से पहले ही चुनाव आ गए।
इसके बाद इसे कमलनाथ सरकार ने लागू किया है। राज्य शासन के इस सरकार के इस फैसले से करीब 40 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रोफेशनल टैक्स से मुक्त हो गए हैं।
शिवराज सरकार की थी घोषणा…
सरकारी कर्मचारियों को प्रोफेशनल टैक्स में राहत देने वाली ये घोषणा पिछली शिवराज सरकार ने की थी। उस समय इसे बजट में भी लाया गया था, लेकिन इसको लागू किए जाने से पहले ही चुनाव आ गए।
इसके बाद इसे कमलनाथ सरकार ने लागू किया है। राज्य शासन के इस सरकार के इस फैसले से करीब 40 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रोफेशनल टैक्स से मुक्त हो गए हैं।
इन जगहों की सरकारें लेती हैं प्रोफेशनल टैक्स…
मध्य प्रदेश के अलावा छतीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, मेघालय, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू, त्रिपुरा ,आन्ध्र प्रदेश, असम,पश्चिमी बंगाल और अन्य राज्य – हरियाणा, उत्तरप्रदेश केन्द्र शासित राज्य जिसमें दिल्ली व चंड़ीगढ़ भी सम्मिलित है।
ये होता है प्रोफेशनल टैक्स
प्रोफेशनल टैक्स एक अप्रत्यक्ष कर है, इसे वृत्तिकर भी कहा जाता है। यह विशेष नगरीय निकाय क्षेत्र सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं में कार्यरत व्यक्ति, चार्टेड एकाउंटेंट, डाक्टर, वकील और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में लगे व्यापारियों पर लगाया जाता है। यह टैक्स राज्य सरकारें लेती हैं।
मध्य प्रदेश के अलावा छतीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, मेघालय, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू, त्रिपुरा ,आन्ध्र प्रदेश, असम,पश्चिमी बंगाल और अन्य राज्य – हरियाणा, उत्तरप्रदेश केन्द्र शासित राज्य जिसमें दिल्ली व चंड़ीगढ़ भी सम्मिलित है।
ये होता है प्रोफेशनल टैक्स
प्रोफेशनल टैक्स एक अप्रत्यक्ष कर है, इसे वृत्तिकर भी कहा जाता है। यह विशेष नगरीय निकाय क्षेत्र सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं में कार्यरत व्यक्ति, चार्टेड एकाउंटेंट, डाक्टर, वकील और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में लगे व्यापारियों पर लगाया जाता है। यह टैक्स राज्य सरकारें लेती हैं।