पुलिस अधीक्षक से कहा, साहब आप ही न्याय करो
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की बरखेड़ा खुर्द शाखा के कर्मचारियों ने एक किसान द्वारा लिए गए ऋण राशि में 46 हजार रुपए जमा करवा दिए। फिर सरकार की तरफ से पूरी राशि माफ करने का सरकार की तरफ से उसे मोबाइल फोन पर मैसेज भी आ चुका है किंतु इसके बाद बैंक में उस पर 17 हजार रुपए बकाया बता दिए। पीडि़त किसान नंदराम पाटीदार निवासी बामनखेड़ी के साथ बैंक के कर्मचारियों ने ही धोखे से कागजों पर यह कहकर हस्ताक्षर करवा लिए कि ऋण का पलटा करके खाद-बीच उपलब्ध करा दिए जाएंगे। किसान को इस बात की जानकारी उस समय लगी जब वह बैंक में अपने खाते की जानकारी लेने पहुंचा। अब उसने पुलिस अधीक्षक को जनसुनाई में आवेदन देकर पूरे मामले की जांच करके न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
यह है किसान की कर्जामाफी की कहानी
आलोट तहसील के बामनखेड़ी निवासी नंदराम पिता प्यारजी पाटीदार ने बताया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की ताल शाखा में उसका खाता है। इसी खाते से खाद-बीज बरखेड़ा खुर्द सोसायटी से मिलता है। इसी पेटे किसान पर 91165 रुपए का ऋण बकाया होने पर मैंने 46 हजार रुपए 25 अगस्त 2018 को जमा करवा दिए थे। इसकी रसीद भी उसके पास मौजूद है। राशि जमा करवाने के कुछ दिन बाद बैंक से लालसिंह राजपूत और ललित पंड्या नंदराम के पास आए और कहा कि शेष 46 हजार रुपए जो बकाया है उसका पलटा कर देंगे, जिससे खाद-बीज मिल जाएगा। यह कहते हुए उन्होंने साख पत्र और विड्राल फार्म पर हस्ताक्षर करवा लिए। इसके बाद सरकार की तरफ से माफी का मैसेज आया।
शिकायत करने पर हुई जांच में भी लीपापोती
मैं सोसायटी में खाद-बीज लेने पहुंचा तो वहां से कहा गया कि आप पर 17 हजार रुपए बकाया है। यह जमा करने पर ही खाद-बीज मिलेगा। इस पर पासबुक में इंट्री करवाई गई तो मेरे खाते से मेरी जानकारी के बिना 75 हजार रुपए निकाल लिए गए। यह राशि लालसिंह और ललित पंड्या ने धोखे से निकाल ली है। अब ये दोनों हिसाब बताने में आनाकानी कर रहे हैं। शिकायत करने पर हुई जांच में भी लीपापोती कर ली गई है।
MP: कमलनाथ सरकार की कर्जामाफी पर बैंक ने फेरा पानी
कर्जामाफी के बाद भी निकाल दी बकाया राशि…
रतलाम. मध्यप्रदेश की विधानसभा के सत्र में विपक्ष भाजपा कर्जामाफी को मुद्दा बना रहा है तो सरकार किसानों का बकाया माफ करने का दावा कर रही है, लेकिन रतलाम जिले से सामने आए एक किसान के प्रकरण ने सरकार के दावों पर पानी फेर दिया है। किसान को मोबाइल पर संदेश तो कर्जा माफ होने का आ चुका है, लेकिन बैंक के दस्तावेजों में अब भी वह हजारों रुपयों का बकायादार है, बैंक ने किसान पर बकाया राशि निकाल दी है। किसान 91 हजार रुपए बकाया होने पर पहले ही 46 हजार रुपए जमा करवा चुका था, अब किसान का आरोप है कि बैंक के कर्मचारियों ने धोखे से उसके हस्ताक्षर करवा लिए।