भाजपा इस सत्र में कांग्रेस सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी में
इस सत्र में सदन की 15 बैठकें होंगी, इसमें राज्य सरकार बजट पेश करेगीमंथन न्यूज
भोपाल। मप्र विधानसभा का मानसून सत्र 8 जुलाई से 26 जुलाई तक चलेगा।15 साल बाद विपक्ष में आई भाजपा इस सत्र में कांग्रेस सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। इन्हीं में से एक मुद्दा राज्य सरकार के थोकबंद तबादलों का भी है। इस सत्र में सदन की 15 बैठकें होंगी। इसमें राज्य सरकार बजट पेश करेगी।जानकारी के अनुसार इस मामले में सरकार को घेरने के लिए भाजपा के चार विधायकों ने सवाल लगाए हैं। इनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं होशंगाबाद से विधायक सीताशरण शर्मा, पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्रसिंह के अलावा विधायक केपी त्रिपाठी (सेमरिया, रीवा) और बहादुरसिंह चौहान (महिदपुर, उज्जैन) शामिल हैं। इनमें से भूपेंद्रसिंह व सीताशरण शर्मा ने अपना सवाल तारांकित प्रश्न के रूप में लगाया है यानी वे संबंधित विभाग के मंत्री से विधानसभा में जवाब चाहते हैं।ट्रांसफर की अनुशंसा करने वाले विधायक-सांसद के नाम बताएं :भाजपा विधायकों के सवालों के बिंदु लगभग एक समान हैं। जैसे सीताशरण शर्मा व भूपेंद्रसिंह ने पूछा है।
- 15 दिसंबर 2018-जून 2019 के बीच कितने तबादले किए गए।
- इनमें आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और राज्य प्रशासनिक व पुलिस सेवा के कितने अधिकारी हैं।
- इन तबादलों में से कितने में तबादला बोर्ड की अनुशंसा ली गई।
- तबादलों में राज्य शासन की कितनी राशि खर्च हुई।
- राज्य सरकार की तबादला नीति क्या है।
- इन तबादलों में कौन-कौन से विधायक, सांसद और राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों की अनुशंसाएं लगी थी, उनके नाम बताए जाएं।
- तबादलों के बाद किन-किन अधिकारी-कर्मचारी ने ज्वाइन किया।
- ऐसे कौन-कौन अधिकारी हैं, जिनका इस अवधि में एक से ज्यादा बार ट्रांसफर किया गया।
- सरकार बीते 6 महीने में माहवार तबादलों की संख्या बताए।
आईएएस के प्रमोशन और विधायकों के स्टाफ में कितने शिक्षक बताएं :विधायक सीताशरण शर्मा ने सरकार से नीचे दिए गए सवाल पूछे हैं।
- दिसंबर-जून 2019 में कौन-कौन से आईएएस-आईपीएस का प्रमोशन किया गया।
- क्या ये सही है कि केवल आईएएस के प्रमोशन हो रहे हैं।
- अगर ऐसा है तो संबंधित आदेश की प्रति दी जाए।
- भविष्य में बाकी लोगों को कब प्रमोशन दिया जाएगा, इस बारे में बताएं।
विदिशा विधायक ने पूछे ये सवाल
- विदिशा के सिरोंज से विधायक उमाकांत शर्मा ने पूछा है कि क्या विधायकों को निज सचिव की पात्रता है।
- अगर है तो विधानसभावार सचिव के नाम सहित जानकारी दें।
- विधायक-मंत्रियों के पास कितने लोग गैर लिपिकीय स्टाफ के रूप में संलग्न हैं।
- कितने लोग ऐसे हैं जो सरकारी अध्यापक, शिक्षक संवर्ग से हैं।
- आखिर में उन्होंने विदिशा कलेक्टर द्वारा स्वयं को निज सचिव नहीं दिए जाने का कारण भी पूछा है।
सबसे छोटा बजट सत्र होगा :यह अब तक का सबसे छोटा बजट सत्र होगा। संसदीय कार्य विभाग ने शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुए बजट सत्रों की बैठकों को देखते हुए 20 से 22 दिन बैठकों का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा था, लेकिन मुख्यमंत्री सचिवालय ने इसे 15 दिन कर दिया है। दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में बजट सत्र 40 से 45 दिन का होता था। शिवराज सरकार के आते-आते सत्र की बैठकें घटती गईं।ऑनलाइन होने जा रही व्यवस्था :विधानसभा में दी जाने वाली ध्यानाकर्षण और शून्यकाल की सूचना अब ऑनलाइन होने जा रही है। विधायक अब घर बैठकर ही सदन को ये सूचना दे सकेंगे। यह व्यवस्था आठ जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से शुरू हो जाएगी। वर्तमान में विधायकों को ये सूचनाएं विधानसभा सचिवालय में उपस्थित होकर लिखित रूप मेंं देना होती हैं। विधानसभा सचिवालय संदेशवाहक के हाथों इसे राज्य सरकार को भेजता है। विधानसभा सचिवालय से मंत्रालय तक सूचनाएं पहुंचने में कई बार देरी के कारण उनके जवाब भी देरी से आते हैं।अब कार्यसूची का इंतजार नहीं :अभी तक यह होता रहा है कि विधायक द्वारा ध्यानाकर्षण और शून्यकाल सहित अन्य सूचनाओं के माध्यम से मांगी गई जानकारी को विधानसभा सचिवालय सरकार को जवाब के लिए भेज देता है, लेकिन सचिवालय कार्य सूची का इंतजार करता रहता है। कार्यसूची में विषय शामिल होने पर इसके जवाब सचिवालय को भेजे जाते हैं, अब ऐसा नहीं होगा। वर्तमान में विधायकों को लिखित प्रश्न पूछने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था है।