मध्य प्रदेश में कमलनाथ-ज्योत‍िराद‍ित्य स‍िंधिया की जोड़ी ने म‍िलकर 15 साल से जमी बीजेपी सरकार को उखाड़ कर कांग्रेसी सरकार का झंडा फ‍हराया था. अब उन्हीं ज्योत‍िराद‍ित्य स‍िंधिया को उनके गढ़ गुना-श‍िवपुरी में घेरने के ल‍िए बीजेपी ने एक डॉक्टर को मैदान में उतारा है. डॉक्टर केपी यादव पहले कांग्रेस में ही थे और स‍िंध‍िया की जीत के राजदार रहे थे लेक‍िन प‍िछले उपचुनाव में अपनी अनदेखी के बाद कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए. अब लोकसभा चुनाव में वे उन्हीं स‍िंधिया के ख‍िलाफ ताल ठोक रहे हैं, ज‍िनके कभी वे साथ थे.क्यों म‍िला केपी यादव को ट‍िकट45 साल के केपी यादव पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर हैं. उनके प‍िता अशोकनगर में कांग्रेस के ज‍िलाध्यक्ष रहे हैं. केपी यादव कभी ज्योत‍िराद‍ित्य स‍िंध‍िया के नजदीकी रहे हैं. स‍िंध‍िया की चुनाव की तैयार‍ियों को वह अच्छी तरह देखते थे. मुंगावली व‍िधानसभा के उपचुनाव में केपी यादव ट‍िकट के मुख्य दावेदार थे. स‍िंध‍िया ने इनसे तैयारी के ल‍िए भी कह द‍िया था और वे क्षेत्र में सक्र‍िय भी हो गए थे. लेक‍िन ऐन मौके पर उनका ट‍िकट काट द‍िया गया. इससे इन्हें काफी मानस‍िक पीड़ा हुई और वे कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आ गए. मुंगावली में कांग्रेस के ट‍िकट पर लड़ रहे बृजेंद्र प्रताप से उनका मुकाबला हुआ. इस मुकाबले में व‍ह स‍िर्फ दो हजार वोटों से हार गए थे.2 लाख यादव वोटों के सहारे दे रहे स‍िंधिया को चुनौतीगुना श‍िवपुरी लोकसभा सीट के अंतर्गत दो लाख यादव वोट हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव को ज्योत‍िराद‍ित्य स‍िंध‍िया ने स‍िर्फ सवा लाख वोटों से जीता था. यहां की 8 व‍िधानसभा सीटों में से 3 पर बीजेपी हावी थी. ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है क‍ि केपी यादव के उम्मीदवार होने से यादव वोट एकतरफा बीजेपी की झोली में आएंगे. वहीं, क‍िसान का बेटा होने से वे कांग्रेस के कर्जमाफी के सच को भी जनता के सामने रखेंगे. स‍िंध‍िया ने व्यक्त‍िगत रूप से केपी यादव का जो नुकसान क‍िया, उसको भी भुनाने का प्रयास यहां से बीजेपी का है. यद‍ि बीजेपी के समीकरण ठीक बैठ गए तो इस बार स‍िंध‍िया को उसी के गढ़ में हार का स्वाद भी म‍िल सकता है.   व‍िधानसभा सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस का असर  गुना लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. यहां पर शिवपुरी, बमोरी, चंदेरी, पिछोर, गुना, मुंगावली, कोलारस, अशोक नगर विधानसभा सीटें हैं. यहां की 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा है.वोटों के गण‍ित में उलझ सकती है कांग्रेस2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी के जयभान सिंह पवैया को हराया था. इस चुनाव में सिंधिया को 5,17, 036 (52.94 फीसदी) वोट मिले थे और पवैया को 3, 96, 244 (40.57 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 1, 20, 792 वोटों का था. वहीं बसपा के लखन सिंह 2.81 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.इससे पहले 2009 के चुनाव में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को जीत मिली थी. उन्होंने तब बीजेपी के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा को हराया था. सिंधिया को 4, 13, 297 (63.6 फीसदी) वोट मिले थे तो नरोत्तम मिश्रा को 1, 63, 560 (25.17 फीसदी) वोट मिले थे. सिंधिया ने 249737 वोटों से जीत हासिल की थी. वहीं बसपा 4.49 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी.गुना-श‍िवपुरी लोकसभा सीट का प्रोफाइलगुना शहर मध्य प्रदेश के उत्तर में स्थित है. गुना शहर में मुख्यतः हिन्दू, मुस्लिम तथा जैन समुदाय के लोग रहते हैं. खेती यहां का मुख्य कार्य है. आजादी से पहले गुना ग्वालियर राजघराने का हिस्सा था, जिस पर सिंधिया वंश का अधिकार था. 2011 की जनगणना के मुताबिक गुना की जनसंख्या 24, 93, 675 है. यहां की 76.66 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 23.34 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. गुना में 18.11 फीसदी लोग अनुसूचित जाति और 13.94 फीसदी लोग अनुसूचित जनजाति के हैं. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 में गुना में कुल 16, 05, 619 मतदाता थे. जिसमें से 7, 48, 291 महिला मतदाता और 8, 57, 328 पुरुष मतदाता थे. 2014 के चुनाव में इस सीट पर 60.83 फीसदी मतदान हुआ था.