भोपाल. झाबुआ उपचुनाव में मिली हार को भारतीय जनता पार्टी के नेता अभी भुला भी नही पाए थे कि आज भाजपा को फिर एक और बड़ा झटका लगा है. कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म हो गई है. जिसमें विधानसभा सचिवालय द्वारा पवई सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है. राजधानी की विशेष अदालत ने प्रहलाद लोधी को बलवे के मामले में दो साल की सजा सुनाई है.
बताया जाता है कि दो साल की सजा के बाद से ही राजनैतिक गलियारों में इस बात की चर्चा शुरु हो गई थी, कि क्या विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म हो जाएगी, वहीं भारतीय जनता पार्टी कोर्ट के फैसले के अध्ययन की बात कर रही है, इस बीच ही विधानसभा सचिवालय ने पवई सीट को खाली घोषित कर दिया है, क्योंकि दो या दो से अधिक सजा पर सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है. गौरतलब है कि विधानसभा सचिवालय ने फैसले की कॉपी मांगी थी, रिपोर्ट के अध्ययन के बाद इस पर फैसला दिया गया है, जिससे भाजपा को बड़ा झटका लगा है.
सीट खाली होने के बाद इस सीट पर चुनाव होने की सरगर्मी तेज हो गई है, आगामी समय में सीट पर होने वाले उपचुनाव में किस पार्टी का विधायक बनता है, यह भाजपा के भविष्य को तय करेगा, क्योंकि झाबुआ सीट हाथ से जाने के बाद भाजपा को एक झटका तो पहले ही लग चुका है, दूसरा झटका भाजपा के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
क्या था मामला-
बताया जाता है कि पवई विधायक प्रहलाद लोधी पर आरोप था कि उन्होने रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले रैपुरा तहसीलदार को बीच रोड पर रोककर मारपीट कर गाली गलौज की थी. जिसपर राजधानी की विशेष अदालत ने पवई से भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों क ो बलवा के मामले में दो साल की सजा व साढ़े तीन हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है.
ऐसा कुछ है सदस्यता समाप्त करने का नियम-
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो सदस्यता खत्म हो जाएगी, साथ ही वह अगले 6 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकता है. यह फैसला जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि दोषी ठहराए जाने की तारीख से ही अयोग्यता प्रभावी होती है, क्योंकि इसी धारा के तहत अपराधिक रिकार्ड वाले जनप्रतिनिधियों को अयोग्यता से संरक्षण हासिल है.
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