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मवेशियों की सेवा मुफ्त नहीं करेगी कमलनाथ सरकार, पर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहॉ 100 रूपए लेने से सरकार का कोई खजाना तो भर नहीं जाएगा.

प्रदेश की कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) ने बीजेपी (BJP) सरकार की एक पुरानी योजना को उसी नाम से नए शुल्क के साथ शुरू कर दिया है. पशु संजीवनी सेवा (Pashu Sanjeevni Sewa) के लिए अब लोगों को 100 रूपये का शुल्क चुकाना होगा. पशुपालन मंत्री के मुताबिक शुल्क इसलिए लगाया गया है क्योंकि की जगहों से लोग विभाग को बेवजह कॉल कर परेशान कर रहे थे.

भोपाल. कांग्रेस सरकार (Congress Government) में पुरानी योजनाओं (Old schemes) में बदलाव जारी है. या तो पुरानी योजनाओं के नाम बदले जा रहे हैं, या फिर मुफ्त योजनाओं से शुल्क वसूला जा रहा है. भाजपा (BJP) सरकार में शुरू हुई पशु संजीवनी मुफ्त सेवा (Free Service) अब मुफ्त नहीं रहेगी. पशु संजीवनी सेवा के लिए अब पशु मालिकों को राशि चुकानी होगी. पशु पालकों को मवेशियों (Domestic Animals) के इलाज के लिए 100 रूपए का शुल्क तय किया गया है.
योजना में परिवर्तन
पशु संजीवनी सेवा भाजपा सरकार में शुरू की गई थी. पिछले साल 2 अक्टूबर को पशु संजीवनी सेवा के जरिए पशुओं का मुफ्त इलाज किया जाता था, लेकिन अब पशुओं के इलाज के लिए शुल्क चुकाना होगा. भेड़, बकरी, गाय, भैंस के इलाज के लिए 100 रूपए की फीस देना होगी. पशुओं के इलाज के लिए कॉल करने पर घर आने वाली पशु संजीवनी सेवा से इलाज तो होगा पर मुफ्त नहीं होगा. कॉल सेंटर के नंबर 1962 पर कॉल करने पर पशु संजीवनी वाहन घर जाकर पशुओं का इलाज करता है. प्रदेश भर में 313 पशु संजीवनी वाहन संचालित हो रहे हैं. हालांकि इसको बंद करने के पीछे अधिकारियों का यही तर्क है कि बेवजह के कॉल से मुक्ति पाने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि लोग अब मुफ्त सेवा के बदले संजीवनी वाहन के डॉक्टरों को परेशान ना करें.
पशु संजीवनी सेवा भाजपा सरकार में शुरू की गई थी. पिछले साल 2 अक्टूबर को पशु संजीवनी सेवा के जरिए पशुओं का मुफ्त इलाज किया जाता था, लेकिन अब पशुओं के इलाज के लिए शुल्क चुकाना होगा. भेड़, बकरी, गाय, भैंस के इलाज के लिए 100 रूपए की फीस देना होगी. पशुओं के इलाज के लिए कॉल करने पर घर आने वाली पशु संजीवनी सेवा से इलाज तो होगा पर मुफ्त नहीं होगा. कॉल सेंटर के नंबर 1962 पर कॉल करने पर पशु संजीवनी वाहन घर जाकर पशुओं का इलाज करता है. प्रदेश भर में 313 पशु संजीवनी वाहन संचालित हो रहे हैं. हालांकि इसको बंद करने के पीछे अधिकारियों का यही तर्क है कि बेवजह के कॉल से मुक्ति पाने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि लोग अब मुफ्त सेवा के बदले संजीवनी वाहन के डॉक्टरों को परेशान ना करें.

मंत्री लाखन सिंह यादव की सफाई
पशु पालन मंत्री लाखन सिंह यादव का कहना है कि कॉल सेंटर में 1962 नंबर पर कॉल करके पशु संजीवनी सेवा का मुफ्त लाभ मिलता था. ये सेवा पशु मालिकों को मुफ्त देने की ही योजना थी लेकिन प्रदेश के कई जिलों से लगातार इस सेवा के दुरूपयोग की शिकायतें मिल रही थीं. फर्जी फोन कॉल आ रहे थे, इसको रोकने के लिए ही यह कदम उठाया गया है. डीजल की बर्बादी के साथ ही गाड़ी के चक्कर भी बेकार में ही लगते हैं, लेकिन पशुमालिकों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा था. अब यदि सेंटर से लोग जाएंगे तो इलाज के लिए 100 रूपए की फीस ली जाएगी. हमारी सरकार या हमारे विभाग का उद्देश्य फंड इकट्ठा करना नहीं बल्कि चीटिंग रोकना है.

पशु संजीवनी योजना में लगाया गया शुल्क

उन्होंने कहा कि अगर कहीं दुर्घटना हो जाए तो आज भी मुफ्त सेवा दी जाएगी. सड़कों पर लावारिश गायों का मुफ्त इलाज किया जाएगा, सड़क दुर्घटना में घायल गायों के साथ ही मवेशियों का मुफ्त इलाज किया जाएगा. बड़ी बीमारी पर मवेशियों का मुफ्त इलाज ही किया जाएगा. फर्जी कॉल करने के बाद लोगों को ढूंढना बहुत मुश्किल हो रहा था, गाड़ी और डॉक्टर्स का दुरूपयोग हो रहा था, इसीलिए यह कदम उठाया गया है.
100 रूपए से खजाना नहीं भर जाएगा – भाजपा
भाजपा के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि, ‘मैं खुद व्यक्ति रूप से इस योजना में शुल्क वसूलने को अच्छा कदम नहीं मानता. गौ सरंक्षरण के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कई घोषणाएं की थीं. प्रदेश भर में स्मार्ट गौशालाएं बनाने की बात कही थी, लेकिन अब तक प्रदेश में एक भी गौशाला नहीं बनी है. सड़क पर गौ माता ठोकरें खाकर मर रही हैं. दुर्घटनाओं में मौत का शिकार हो रही हैं, तो कहीं पॉलीथिन खाकर काल कवलित हो रही हैं. 100 रूपए लेने से सरकार का कोई खजाना तो भर नहीं जाएगा. पशु संजीवनी सेवा को सरकार को निशुल्क ही रखना चाहिए. पेट्रोल-डीजल पर आपने टैक्स बढ़ाया है, वो पैसा कहां जा रहा है.’

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