भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू जी की 130 वी जयंती पर शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी में नेहरू जी एवं आधुनिक भारत का निर्माण विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ एन एस चौहान एमएलबी कॉलेज ग्वालियर, श्रीमती आशा अजय गुप्ता मुख्य अतिथि एवं श्रीमती सपना बढ़ाया को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो महेंद्र कुमार, डॉ यू सी गुप्ता कार्यक्रम संयोजक, डॉ पद्मा शर्मा, प्रो पुनीत श्रीवास्तव मंचासीन रहे। महाविद्यालय के सदस्य एवं अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ किया गया।श्रीमती आशा अजय गुप्ता (समाज सेविका) ने बताया कि नेहरू जी बच्चों से अत्यधिक प्यार करते थे इसलिए 14 नवंबर को बच्चों के लिए समर्पित बाल दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। नेहरू जी ने मजबूत लोकतंत्र की स्थापना के साथ साथ योजना आयोग, चुनाव आयोग , आई आई टी, आई आई एम तथा नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ डिजायन की स्थापना की। श्रीमती आशा ने बताया कि नेहरू जी चाहते थे कि उनके वज़ूद का हर जर्रा वतन की ख़ाक में मिलकर एक हो जाये। नेहरू जी आजादी की लड़ाई में नौ बार जेल गए और वहाँ से 146 पत्र अपनी बेटी को लिखे।वमुख्य वक्ता के रूप में पधारे श्री एन एस चौहान ने नेहरू जी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नेहरू जी का परिवार एक संपन्न परिवार था। शिक्षा के महत्व को समझते हुए उनका अध्यापन कार्य घर पर ही कराया गया तथा उच्च शिक्षा उन्होंने विदेश में प्राप्त की। नेहरू जी छात्र जीवन से ही राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि मानते थे। महात्मा गांधी जी के संपर्क में आने के बाद देश के राजनीतिक आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई तथा उन्होंने देश की स्वतंत्रता में पूर्ण योगदान दिया। वह स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद विषम परिस्थितियों में देश के विकास पथ पर ले जाना काफी चुनौतीपूर्ण था। अंग्रेजों की नीति थी फूट डालो और राज करो। अंग्रेज भारत देश को इस तरह स्वतंत्र करना चाहते थे कि वह खंड खंड में विभाजित हो जाए, लेकिन सरदार बल्लभ भाई पटेल और नेहरू जी के प्रयासों से अखंड भारत का निर्माण संभव हुआ। देश के विकास के लिए उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से विकास को रफ्तार दी तथा मिश्रित अर्थव्यवस्था को देश में लागू किया। नेहरू जी के अन्य पड़ोसी राष्ट्रों से अच्छे संबंध रहे।
इस अवसर पर श्रीमती सपना बढ़ाया (केबीसी प्रोग्राम में प्रतिभागी) ने बताया सीखने की कोई उम्र नहीं होती जब आप सीखना प्रारंभ करें शिक्षा के द्वार हमेशा खुले रहते हैं। आधुनिक भारत नेहरू जी की तेजस्विता का ही परिणाम है। उन्होंने कॉमन वेल्थ जैसी संस्थाओं से भारत को जोड़ा। नेहरू जी चाहते थे कि भारत देश सभी क्षेत्रों में प्रगति करें। छात्र सत्यम नायक और शिवानी राठौर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। एक दिवसीय सेमिनार का संचालन प्रो पद्मा शर्मा द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि नेहरू जी के अथक प्रयासों से ही एक विकासशील राष्ट्र का निर्माण संभव हो सका है।उनकी दूरदर्शिता और तेजस्विता का ही परिणाम है कि भारत देश के विकास में उनके द्वारा लागू की गई पंचवर्षीय योजनाएं आज भी कार्यरत हैं। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो महेंद्र कुमार ने उद्बोधन देते हुए कहा कि हम सभी को नेहरू जी के जीवन दर्शन से शिक्षा लेनी चाहिए कि हम स्वावलंबी बने तथा बच्चों के प्रति अत्यधिक प्रेम पूर्वक व्यवहार करें।कार्यक्रम में श्रीमती सपना बढ़ाया का शॉल श्रीफल से सम्मान किया गया।अंत में सभी का आभार कार्यक्रम संयोजक डॉ यू.सी गुप्ता द्वारा व्यक्त किया गया।
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