भोपाल. मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की पवई विधानसभा से भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता रद्द होने का मामला बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के बुलावे पर विधानसभा अध्यक्ष उनसे मिलने नहीं पहुंचे. जिसपर राज्यपाल ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इस संबंध में एक पत्र चुनाव आयोग को भी लिखा है.
दरअसल, सदस्यता रद्द होने के बाद विधायक लोधी हाई कोर्ट की शरण में गए थे. जहां से उनकी विधायकी रद्द होने के फैसले पर राहत मिली थी. जिसके बाद राज्यपाल से उनकी विधानसभा सदस्या बहाल करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव मिलने पहुंचे थे. कुछ दिन पहले भाजपा के पवई से विधायक प्रहलाद लोधी को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी. इस पर विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने विधायक की सदस्यता बर्खास्त कर दी थी. विधायक लोधी इस पर हाईकोर्ट चले गए, जहां कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए सजा पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी.
भाजपा नेता के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करने के बाद एक आवेदन दिया था. राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को 16 नवंबर को मिलने के लिए बुलाया था. लेकिन अध्यक्ष ने उस दिन व्यस्तात का कारण बताते हुए मुलाकात टाल दी. जिसके बाद वह अभी तक मिलने नहीं पहुंचे. उनके नहीं मिलने पर राज्यपाल ने गंभीर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के ओक पत्र लिखकर राय मांगी है. जिसमें उन्होंने पूछा है कि क्या हाईकोर्ट के स्टे के बाद क्या विधायक प्रहलाद लोधी सुचारू रूप से अपना कार्य कर रहे हैं. गौरतलब है कि भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी तहसीलदार से मारपीट और बलवे के मामले में विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था. इसके बाद उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिल गई है.