भोपाल : मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार सरकारी नौकरी के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। प्रदेश में भर्ती होने वाले सरकारी कर्मचारी और अधिकारी दो नहीं बल्कि 3 साल में स्थाई माने जाएंगे। इस दौरान उन्हें वेतन भी कम मिलेगा और वेतन वृद्धि पांचवे साल से मिलेगी। इससे आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार को उबारने में बड़ी राहत मिलेगी। इस संबंध का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयार कर लिया है, इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए प्रोबेशन पीरियड दो साल से बढ़ाकर सरकार तीन साल करने जा रही है। अब प्रदेश में भर्ती होने वाले सरकारी कर्मचारी और अधिकारी दो नहीं तीन साल में स्थाई माने जाएंगे, इन 3 सालों को परिवीक्षा काल (प्रोबेशन पीरियड) माना जाएगा। इसके लिए मध्यप्रदेश सिविल सेवा सामान्य शर्ते 1961 में बदलाव किया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग इसका प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में रखेगा। परिवीक्षा काल में कम वेतन दिया जाएगा, चौथे साल से पूरा वेतन मिलने लगेगा, वही पांचवे साल से वेतन वृद्धि होगी।
बताया जा रहा है कि परिवीक्षा अवधि में पहले साल न्यूनतम वेतन का 70 फीसदी, दूसरे साल 80 और तीसरे साल 90 फ़ीसदी वेतन दिया जाएगा। चौथे साल से पूरा वेतन मिलने लगेगा। वर्तमान में अभी कर्मचारियों को पहले महीने से ही पूरा वेतन मिलता है तीसरे साल से उसे प्रोबेशन पीरियड के 2 साल का इंक्रीमेंट दिया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग का मानना है कि तीन साल तक कम वेतन और पांचवे साल इंक्रीमेंट देने से हर साल करीब तीन हजार करोड़ की बचत होगी। बता दें कि प्रदेश में अभी बड़ी संख्या में भर्ती प्रस्तावित है इससे राज्य पर वित्तीय भार बढ़ेगा इस नियम से इसमें काफी राहत मिलेगी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती पर भी यह नियम लागू किया जाएगा। मामला कैबिनेट में आने के बाद ही स्तिथि साफ होगी।