होशंगाबाद. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को राज्यों में लागू किए जाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार की कुछ राज्य सरकारों से तकरार जारी है। ऐसे ही राज्यों में मध्य प्रदेश शामिल है, जहां कांग्रेस का शासन है और वह सीएए को लेकर भाजपा के रूख के खिलाफ है। ऐसे में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद से सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि सीएए लागू नहीं करने पर राज्य की सरकारें बर्खास्त हो सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की सरकारों को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
मध्य प्रदेश के भाजपाई सांसद ने दिया यह बयान
बता दें कि, राव उदय प्रताप सिंह भाजपा के सांसद हैं। उन्होंने सीएए को लेकर यह बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब 12 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जबलपुर के दौरे पर आने वाले हैं। शाह भाजपा के सह-अध्यक्ष भी हैं। अब राव उदय प्रताप सिंह द्वारा यह कहे जाने पर कि राज्य सरकारों को सीएए लागू करना होगा और नहीं लागू किया तो वो बर्खास्त् हो सकती हैं, इस बयान से नया बखेड़ा खड़ा हो सकता है। वैसे केंद्र सरकार की ओर से यह साफ किया जा चुका है कि राज्य की सरकारों के पास सीएए लागू न करने के अधिकार नहीं हैं।
कांग्रेस शासित राज्यों में हो रहा सीएए का विरोध
सीएए के विरोध करने वाले राज्यों में मुख्यत: ममता बनर्जी की सरकार वाला पश्चिम बंगाल और फिर कांग्रेस शासित राज्य शामिल हैं। इनमें मध्यप्रदेश सरकार ने सीएए को लेकर नाराजगी जताई है। साथ ही दोनों सदनों से पास होने पर भी राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश में लागू करने से इनकार कर दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सीएए पर जो कांग्रेस पार्टी का स्टैंड होगा, वही मध्यप्रदेश की सरकार का भी होगा।’ कमलनाथ ने सीएए के विरोध में भोपाल में रैली भी निकाली थी।
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