शिवम् ने दावा किया है कि लेफ्ट से जुड़े छात्रों ने उनकी पिटाई की। शिवम के मुताबिक जब उन्होंने कहा कि हिंसा में लेफ्ट से जुडे़ लोग थे, यह सुनते ही प्रियंका के सुरक्षा गार्डों ने उन्हें हटा दिया। प्रियंका ने हमारी बात नहीं सुनी और वह मुंह मोड़कर चली गईं।
हाइलाइट्स:
जेएनयू हिंसा के दौरान घायल एबीवीपी से जुड़े छात्र का प्रियंका गांधी पर आरोप
कैंपस हिंसा को लेकर दर्द बताना चाहा लेकिन बिना बात सुने चली गईं प्रियंका गांधी
शिवम चौरसिया ने बताया कि जेएनयू में हुई हिंसा के दौरान उन्हें काफी चोट आई थी
शिवम ने कहा कि किसी भी संगठन के नेता को सभी हिंसा पीड़ितों से मिलना चाहिए
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नई दिल्ली/ लखनऊ
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी घायलों से मिलने एम्स पहुंचीं। आरोप है कि कैंपस में हुई हिंसा को लेकर जब एबीवीपी से जुड़े एक घायल स्टूडेंट ने प्रियंका से अपनी बात कहनी चाही तो उनके सुरक्षा गार्डों ने उसे स्टूडेंट को हटा दिया और प्रियंका भी बिना बात किए वापस चली गईं।
एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में एबीवीपी से जुड़े छात्र शिवम चौरसिया ने बताया कि जेएनयू में हुई हिंसा में मुझे भी काफी चोट आई थी। उन्होंने कहा, ‘परिषद से जुड़े 11 घायल कार्यकर्ता एम्स में जमीन पर बैठे थे, तभी वहां पर प्रियंका गांधी का आना हुआ। वह कुछ घायल लोगों से मिलीं, हमें लगा कि वह हमसे भी हालचाल पूछेंगी लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। फिर मैं खुद उठकर उनके पास गया और बताना चाहा कि किस तरह से लेफ्ट से जुड़े छात्रों ने हमें पीटा। लेकिन हिंसा में लेफ्ट से जुडे़ लोग थे, यह सुनते ही उनके सुरक्षा गार्डों ने मुझे वहां से हटा दिया। प्रियंका ने भी हमारी बात नहीं सुनी और वह मुंह मोड़कर चली गईं।’ एबीवीपी ने अपने ऑफिशल हैंडल से इसका विडियो भी ट्वीट किया है।
‘एम्स जाना प्रियंका का पॉलिटिकल स्टंट’
शिवम् ने कहा कि हम एक छात्र के तौर पर हॉस्पिटल में एडमिट थे, किसी भी संगठन का नेता अगर हिंसा से पीड़ित छात्रों से मिलने आया है तो उसे सभी से मिलना चाहिए लेकिन प्रियंका के व्यवहार से हमें लग गया कि वह सिर्फ एक पॉलिटिकल स्टंट था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रियंका कुछ चुने हुए लोगों से मिलकर बस जेएनयू मुद्दे पर लाइमलाइट में आना चाहती थीं। वहीं दूसरी ओर एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री राहुल वाल्मीकि ने कहा कि छात्रों के साथ हुई हिंसा पर दलगत राजनीति नहीं होनी चाहिए।
‘निंदनीय है प्रियंका का व्यवहार’
वाल्मीकि ने कहा, ‘छात्र किसी भी संगठन से जुड़ा हो, वह सबसे पहले एक छात्र होता है। एक सामाजिक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह एक आम छात्र के तौर पर कम से कम उसकी बात तो सुने ही। प्रियंका गांधी का व्यवहार निंदनीय है। उन्हें वहां एडमिट सभी छात्रों से बात करके उनका हालचाल लेना चाहिए था।’ उन्होंने कहा कि राजनीति करने वाले व्यक्ति से एक आम छात्र अपने लिए इस तरह की अपेक्षा नहीं रखता है और इतनी बड़ी नेता को तो यह व्यवहार कतई शोभा नहीं देता है।
आपको बता दें कि बीते रविवार को जेएनयू परिसर में घुसकर कुछ नकाबपोशों ने हमला कर दिया था। इस हमले में कई छात्र घायल हुए थे। हमले को लेकर जहां एक ओर लेफ्ट ने एबीवीपी पर आरोप लगाया था, वहीं एबीवीपी का आरोप था कि यह हमला लेफ्ट से जुड़े लोगों ने किया है। हमले से जुड़े कई विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इस हिंसा में दोनों ही तरफ के छात्र संगठनों के छात्र घायल हुए थे। घायलों में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष भी शामिल थीं।