ग्वालियर/भोपाल/ मध्यप्रदेश कांग्रेस में बयानबाजी का दौर जारी है। बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि कमलनाथ की सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनदेखी कर रही है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बीच-बीच में कमलनाथ की सरकार पर सवाल उठाते रहते हैं। इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।
उन्होंने ग्वालियर में कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर कमलनाथ कैबिनेट में ग्वालियर-चंबल संभाग के चार लोग शामिल किए गए। साथ ही दिग्विजय सिंह ने उन चारों लोगों के नाम भी गिनाए, जिनमें इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया और लाखन सिंह यादव मंत्री हैं। ये लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर ही मंत्री बने हैं। फिर कैसे कह सकते हैं कि उन्हें तवज्जो नहीं मिल रही है।
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक लगातार यह मांग कर रहे हैं कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। बयानों के जरिए पार्टी नेतृत्व पर लगातार दबाव बना रहे हैं। जुबानी जंग के बीच प्रदेस अध्यक्ष की रेस में कई दूसरे दावेदार भी खुलकर सामने आ गए हैं। जो मांग कर रहे हैं कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।
कैबिनेट में शामिल हैं तीन गुट के लोग
मध्यप्रदेश में पंद्रह साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी है। ऐसे में कमलनाथ की कैबिनेट में भी कई गुट के लोग शामिल हैं। सीएम भले ही कमलनाथ बने लेकिन सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह अपने-अपने गुट के लोगों को शामिल करवाया। इनके गुट के मंत्री हमेशा इनके समर्थन में खड़े रहते हैं। सिंधिया खेमे के सभी मंत्री लगातार उनके समर्थन में बात करते हैं।
सिंधिया गुट के माने जाते हैं ये लोग
दिग्विजय सिंह ने जिन चार मंत्रियों के नाम लिए हैं, वह ग्वालियर-चंबल संभाग के हैं। इसके अलावे भी सिंधिया गुट के लोग कमलनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल हैं। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, बाल विकास मंत्री इमरती देवी, श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव भी हैं। ये सभी लोग सिंधिया के प्रति समर्पित रहते हैं।