इंदौर। दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटनाओं को बेहद दुखद करार देते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से सवाल किया कि देश में आखिर ऐसी कौन-सी आफत आन पड़ी थी जो उसे संशाधित नागरिकता कानून (सीएए) बनाना पड़ा? दिल्ली दंगों के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ये घटनाएं बड़े दु:ख और चिंता की बात है क्योंकि हमारे देश की संस्कृति लोगों के दिल जोड़ने की संस्कृति है।
उन्होंने कहा, सीएए में क्या है, वह बात छोड़िये। लेकिन मैं यह प्रश्न पूछना चाहता हूं कि क्या कोई युद्ध चल रहा है या देश में बड़ी संख्या में शरणार्थी आ रहे हैं जो केंद्र सरकार ने सीएए का चक्कर चला दिया। यह कानून बनाने की आखिर क्या आवश्यकता थी? ऐसी कौन सी आफत आन पड़ी थी। इस कानून का आखिर क्या लक्ष्य है? कमलनाथ ने कहा, देश में जनसंख्या को लेकर सर्वेक्षण तो होते ही रहते हैं। लेकिन नागरिकता को लेकर जान-बूझकर भ्रम फैलाया गया ताकि लोग सोचें कि एक नागरिक के रूप में वे असुरक्षित हैं।
बिहार विधानसभा से पारित हालिया प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की जरूरत नहीं है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) वर्ष 2010 के पुराने प्रारूप पर लागू किया जाना चाहिये। इस बारे में सवाल किये जाने पर कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, बिहार में जो लोग (जदयू) भाजपा के साथ सरकार चला रहे हैं, उनके नेता ही नागरिकता के मुद्दों पर खुलेआम ऐसी बातें कह रहे हैं। लेकिन भाजपा की निगाह में वे (जदयू) सही और हम (कांग्रेस) गलत हैं। कमलनाथ, उद्योग जगत के अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करने के साथ ही प्रदेश सरकार के लगभग 900 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की शुरूआत के लिये इंदौर आये थे।
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