प्रदेश की 2 विधानसभा सीटों आगर और जौरा पर उपचुनाव (By elections) होने हैं, इनमें से आगर सीट पर पिछले 6 चुनावों से बीजेपी का कब्ज़ा है. अब इस सीट को भाजपा से छीनने के लिए कांग्रेस ने अपना ‘ब्रम्हास्त्र’ इस्तेमाल करने का प्लान बनाया है.
भोपाल. मध्यप्रदेश की आगर (Agar) और जौरा (Jaura) विधानसभा सीटों पर अब बीजेपी और कांग्रेस की नजर है. मुरैना की जौरा और आगर सीट, विधायकों के निधन के बाद खाली हुई हैं. दोनों सीटों पर जीत के लिए कांग्रेस और बीजेपी जीत का फॉर्मूला तैयार करने में लगे हैं. मुरैना की जौरा सीट पर कांग्रेस के विधायक बनवारी लाल शर्मा और आगर सीट पर बीजेपी विधायक मनोहर ऊंटवाल का कब्जा था. इन दोनों के निधन के बाद खाली हुई सीटों पर जीत के लिए अभी से शह और मात का खेल शुरू हो गया है.
सिंधिया को सौंपा जौरा का जिम्मा
कांग्रेस ने दोनों सीटों पर जीत के लिए फॉर्मूला तैयार कर लिया है. पार्टी ने जौरा सीट पर जीत के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदारी सौंपी है. सिंधिया समर्थक मंत्री जौरा में कांग्रेस का झंडा बुलंद करने के लिए जुट गये हैं. सिंधिया जौरा में 7 मार्च को आमसभा कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे.
कांग्रेस ने दोनों सीटों पर जीत के लिए फॉर्मूला तैयार कर लिया है. पार्टी ने जौरा सीट पर जीत के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदारी सौंपी है. सिंधिया समर्थक मंत्री जौरा में कांग्रेस का झंडा बुलंद करने के लिए जुट गये हैं. सिंधिया जौरा में 7 मार्च को आमसभा कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे.
आगर में सीएम कमलनाथ की आमसभा
जौरा में सिंधिया तो बीजेपी के गढ़ आगर को भेदने के लिए पार्टी कमलनाथ रूपी ‘ब्रम्हास्त्र’ चलाने की तैयारी में है. बीते 6 बार से बीजेपी के कब्जे वाली आगर विधानसभा सीट को फतह करने के लिए सीएम कमलनाथ 2 मार्च को यहां आमसभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले सरकार के मंत्रियों ने आगर में डेरा डालना शुरू कर दिया है. मंत्री प्रियव्रत सिंह, हुकुम सिंह कराड़ा यहां करोड़ों की सौगात दे चुके हैं और अब सीएम कमलनाथ का ‘ब्रम्हास्त्र’ चलाकर पार्टी यहां बीजेपी को हराने की तैयारी में है.
मंत्री पीसी शर्मा का कहना है, “2 मार्च को कमलनाथ का आगर दौरा मुख्यमंत्री होने के नाते है. जैसे सीएम पूरे प्रदेश में पहुंच रहे हैं, उसी तरह से 2 मार्च को सीएम कमलनाथ आगर की जनता को कई सौगातें देंगे.”
बीजेपी ने भी शुरू की तैयारी
वहीं कांग्रेस के प्लान बी के जवाब में बीजेपी ने भी जीत के फॉर्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है. नये नेतृत्व में पार्टी की जीत के लिए रणनीति तैयार हो रही है. बहरहाल झाबुआ उपचुनाव में बीजेपी को मात देने वाली कांग्रेस पार्टी इस बार दो सीटों पर कमलनाथ और सिंधिया के भरोसे चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है तो वहीं बीजेपी के सामने चुनौती झाबुआ उपचुनाव की हार से उबरने और बदले अध्यक्ष के भरोसे जीत हासिल करने की है.
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