कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच बीते एक सप्ताह से अकेले काम कर रहे प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर अब मंत्रिमंडल गठन को लेकर भारी दबाव बना हुआ है. इसकी वजह यह है कि जिलों में आपदा राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं. अगर मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया होता तो मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों की मॉनीटरिंग कर रहे होते, लेकिन कोरोना के चलते अभी तक मंत्रिमंडल का गठन ही नहीं हो पाया है. अब जब कोरोना संक्रमण की स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही है तो मंत्रिमंडल विस्तार की आवश्यकता महसूस की जा रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार कर रहे हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो वे अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अपने मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं. इस संबंध में उनकी फोन पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत अन्य महत्वपूर्ण नेताओं से बातचीत चल रही है. बताया जा रहा है कि सीएम 31 मार्च के बाद दिल्ली जाकर शीर्ष नेताओं से चर्चा कर मंत्रियों के नाम तय करेंगे.
गौरतलब है कि कमलनाथ के इस्तीफे के बाद शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी, लेकिन प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते उन्होंने अपने मंत्रिमंडल का गठन टाल दिया था. खबरों की मानें तो अप्रैल शुरुआत में ही मंत्रिमंडल के गठन की संभावना है.
इस संबंध में उन्होंने बीते रोज ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश संगठन प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे समेत अन्य नेताओं से चर्चा की है. जानकारी मिली है कि सीएम एक अप्रैल को दिल्ली जाने वाले हैं. वे वहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलने के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी चर्चा करेंगे.
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने और उनके समर्थक विधायकों द्वारा कांग्रेस छोडऩे के बाद ही कमलनाथ सरकार गिरी थी. इसीलिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करना पड़ेगा. पहली बार में सिंधिया समर्थक कितने नेताओं को मंत्री बनाना है, इसको लेकर दिल्ली में रणनीति बनाई जाएगी. सूत्रों की मानें तो शिवराज मंत्रिमंडल में 24 लोगों को मंत्री बनाया जाएगा. इसमें सिंधिया समर्थक छह पूर्व मंत्री भी शामिल हो सकते हैं. हालांकि, वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं.
इधर, बीजेपी के तीन से चार बार के विधायक भी इस बार मंत्री बनने के लिए दावा ठोक रहे हैं. इन नेताओं में अजय विश्नोई, राजेन्द्र पांडेय, ओमप्रकाश सकलेचा, यशपाल सिंह सिसौदिया, प्रदीप लारिया, हरिशंकर खटीक, शैलेन्द्र जैन, जगदीश देवड़ा, कमल पटेल, गोपीलाल जाटव, रमेश मेंदोला, ऊषा ठाकुर, करण सिंह वर्मा, नागेन्द्र सिंह के नाम शामिल हैं. इनमें से कई विधायक शिवराज मंत्रिमंडल के पूर्व में सदस्य भी रह चुके हैं.
वहीं कांग्रेस से बीजेपी में आए बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग मंत्री बनने की शर्त पर भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. ऐसे में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार बीजेपी के आलाकमान के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.