मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का गठन आधी हकीकत, आधा फसाना के दौर से गुजर रहा है। भोपाल में राजभवन के पास भी इसके बारे में कोई सूचना नहीं है। मुख्यमंत्री अपने ओएसडी हरीश और मुख्य सचिव के साथ लगातार व्यस्त हैं। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं के भी इसे लेकर सुर अलग अलग हैं। हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि मंगलवार को मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है।
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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मंत्रिमंडल के गठन को मीडिया की उपज बता रहे हैं। उनका कहना है कि मंत्रिमंडल से ज्यादा जरूरी कोविड19 से लड़ाई है। इसलिए भाजपा मंत्रिमंडल गठन की जल्दबाजी करके जनता के बीच में कोई गलत संदेश नहीं देना चाहती।
कैलाश विजयवर्गीय की राय से वरिष्ठ नेता प्रभात झा भी इत्तेफाक रखते हैं। प्रभात झा का कहना है कि जनता की सेवा और उसकी जान बचाना ज्यादा जरूरी है। मंत्रिमंडल का गठन लॉकडाऊन के बाद भी हो सकता है।
हालांकि माना जा रहा है कि मंगलवार शाम तक पांच से छह लोगों के संक्षिप्त मंत्रिमंडल पर निर्णय हो सकता है। इसमें कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ गए पूर्व विधायक भी होंगे। सूत्रों के मुताबिक संक्षिप्त मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा जारी है। इसमें सिंधिया के साथ आए लोगों को भी शामिल करने पर विचार हो रहा है।
सिंधिया ने दिखाई सक्रियता
कोविड-19 को लेकर लॉकडाऊन रहने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक काफी सक्रिय हो गए हैं। वह मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले।
कहा जाता है कि सिंधिया ने साथ आए पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह और महत्वपूर्ण विभाग दिलाने के लिए भेंट की थी। इस दौरान उन्होंने सितंबर तक राज्य में 24 सीटों पर प्रस्तावित उपचुनाव, उसकी चुनौतियों का भी हवाला दिया। बताते हैं कि सिंधिया की मंशा कुछ दिन बाद ही सही, लेकिन पूर्ण मंत्रिमंडल की है। वह अपने साथ आए कम से कम नौ लोगों को मंत्रिमंडल में स्थान दिलाना चाहते हैं।
अभी हरी झंडी नहीं
सूत्र बताते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल गठन का लगातार रिहर्सल चल रहा है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पुराने के साथ सिधिंया समेत सभी नए नेताओं का सम्मान बनाए रखने के पक्ष में है।
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