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मप्र में सियासत / पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस के जवाब में लिखा- मैं 9 फरवरी को ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका हूं

करीब 30 साल तक कांग्रेस में रहे पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्‌डू ने 2018 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया था।
करीब 30 साल तक कांग्रेस में रहे पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्‌डू ने 2018 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया था।
भाजपा नेता प्रेमचंद गुड्डू लगातार मंत्री तुलसी सिलावट और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देश पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था

इंदौर. भाजपा नेताज्योतिरादित्यसिंधिया और तुलसी सिलावट का विरोध करने वालेपूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्‌डू ने इस बार प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को पत्र भेजा है।गुड्डू ने लिखा- मैं 9 फरवरी को ही भाजपा से इस्तीफा दे चुका हूं। मुझे मीडिया के जरिएपार्टी की ओर सेकारण बताओ नोटिस जारी करने के बारे में पता चला है। लेकिन, मेरे पास अब तक ऐसा कोई नोटिस नहीं आया है।इसके साथ उन्हाेंने पत्र में भी फिर से सिंधिया और सिलावट पर आरोप लगाए हैं। इधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि उन्हें आज तक गुड्डू काइस्तीफा नहीं मिला है।

भाजपा नेता प्रेमचंद गुड्डू द्वारा सिलावट और सिंधिया के खिलाफ लगातार टिप्पणी किए जाने पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सोनकर ने बताया थाकि सांवेर विधानसभाउपचुनाव की तैयारियों के बीच जिस तरह से गुड्डू भाजपा नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ बयान दे रहे हैं उसे पार्टी ने अनुशासनहीनता माना है। इसलिए नोटिस भेजकर सात दिन में जवाब मांगा गया था।

गुड्‌डू ने जवाब देते हुए लिखा- ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि मध्य प्रदेशमें भाजपा की सरकार बनने से पहले 9 फरवरी को पार्टीसे इस्तीफा दे चुका हूं। उसके बाद पूरे देश में कोरोना ने अपनी दस्तक दी।लेकिन, केंद्र सरकार काेरोना के नियंत्रण की बजाय मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस में लगी रही। उस समय मुझे एहसास हुआ कि देश के सामने पैदा हो रही समस्या का समाधान करना या उसे विकराल रूप में जाने से रोकने के बजाय भाजपा का लक्ष्य दल-बदल कर सत्ता प्राप्त करना है। मेरे त्यागपत्र देने के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है।विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सिंधिया पर सीधा हमला बोला था। मैंने कांग्रेस में रहते हुए भी कई बार उनके खिलाफ आवाज उठाई है। सिंधिया परिवार कभी किसी का सगा नहीं हुआ है। जब वे कांग्रेस में थे तो कमलनाथ सरकार को किसानाें की समस्या को लेकर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी थी। अब जब पूरा प्रदेश त्राहिमाम कर रहा है तो वे कहां हैं। अपने राजनीतिक अनुभव के चलते मुझे इस बात का एहसास हो गया था कि मैंने भाजपा की सदस्यता लेकर गलती की है। इसलिए मैंने समय से पहले ही उसे सुधार लिया है। जब मैं पहले ही इस्तीफा दे चुका हूं, ऐसे में जब मैं भाजपा का प्राथमिक सदस्य हूं ही नहीं तो आपको मुझे नोटिस देने का कोई अधिकार नहीं है।’

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