मध्य प्रदेश सरकार ने यूजी के पहले और दूसरे साल के तथा पीजी के सेकेंड सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में सीधे प्रमोट किया जायेगा.
इस समय कोरोना जैसी महामारी से जहाँ पूरा देश त्रस्त है. वहीँ इस संकट की घड़ी में मध्य प्रदेश की सरकार ने अपने प्रदेश के करीब 18 लाख ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. यह फैसला प्रदेश के यूनिवर्सिटी एग्जाम के बारे में हुई एक बहुत जरूरी बैठक में लिया गया. इस बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट के जरिए दी है
बिना परीक्षा के मिलेगा प्रमोशन .
इस फैसले के तहत प्रदेश सरकार ग्रेजुएट के फर्स्ट ईयर, सेकंड ईयर और पोस्ट ग्रेजुएट के सेकंड सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के ही प्रमोट करेगी. इन स्टूडेंट्स को उनके पिछले साल के या पिछले सेमेस्टर के अंकों और इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर प्रमोट किया जाएगा. वहीँ सरकार ने यह भी फैसला किया है कि ऐसे स्टूडेंट्स जो ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में हैं या पोस्ट ग्रेजुएशन के लास्ट या फोर्थ सेमेस्टर में हैं उनका रिजल्ट उनके पहले के सालों में पाए गए अंकों को आधार बनाकर उनका रिजल्ट जारी किया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले से ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के कुल लगभग 17 लाख 77 हजार स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा.
स्टूडेंट्स ऑफ़ लाइन परीक्षा भी दे सकते हैं-
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि बिना परीक्षा के प्रमोट होने वाले ऐसे स्टूडेंट्स जो अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं. वे ऑफ़ लाइन परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार भी कर सकते हैं. ऐसे छात्रों के लिए ऑफ़ लाइन परीक्षा के तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.
स्कूल खोलने का फैसला 31 जुलाई के बाद.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने प्रदेश के स्कूलों को खोलने के बारे में बताया कि इस सम्बन्ध में 31 जुलाई को कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुई स्थितियों की समीक्षा की जायेगी. समीक्षा करने के बाद ही स्कूलों को खोलने का फैसला किया जाएगा.