Breaking News

मानवता को कलंकित करने वाले अपराधियों की सजा सिर्फ फांसी : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महिलाओं, बेटियों के विरूद्ध जघन्य अपराधों में उत्कृष्ट विवेचना कर अपराधियों को फांसी की सजा दिलवाने में मध्यप्रदेश पुलिस ने पूरे देश में उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील श्रेणी के अपराधों की विवेचना को और ज्यादा प्रभावी बनाया जायेगा ताकि मानवता को कलंकित करने वाले दरिंदे बच नहीं पायें। विवेचना से जुड़े पुलिस अमले को और ज्यादा सुविधाएं देने पर भी विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों और अभियोजन से भी ऐसे मामलों की सुनवाई के लिये फास्टट्रैक कोर्ट शुरू करने का अनुरोध किया गया है।
श्री चौहान ने आज महिलाओं और बेटियों के विरूद्ध जघन्य अपराधों में उत्कृष्ट विवेचना कर अपराधियों को फांसी की सजा दिलवाने वाले पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री निवास परिसर में सम्मानित किया। इनमें डीआईजी, पुलिस अधीक्षक, फोरोंसिक साईंस लैब के अधिकारी, पुलिस कांस्टेबल और अभियोजन अधिकारी शामिल हैं।
श्री चौहान ने कहा कि जिन दरिंदों ने मानवता को कलंकित किया, इंसानियत का खून किया, बेटियों की गरिमा को अपमानित किया, ऐसे दरिंदों को फांसी की सजा दिलवाकर प्रदेश की पुलिस और अभियोजन अधिकारियों ने समाज में सुरक्षा का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं मन को पीड़ा पहुंचाती हैं, लेकिन दरिंदों को कड़ी सजा दिलवाकर संतोष भी होता है। दरिंदे किसी भी हालत में बचना नहीं चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि शैतानों के कोई मानव अधिकारी नहीं होते। धरती को ऐसे दरिंदों के बोझ से मुक्त कर देना चाहिये। फांसी ही इनके लिये एकमात्र सजा हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस ने पूरे देश में उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे जघन्य अपराधों में दोषियों को रिकार्ड समय में फांसी की सजा मिली। उन्होंने कहा कि समाज में दूषित मानसिकता वालों को सुधारने के लिये उन्हें संस्कार देने का अभियान चलाना चाहिए, लेकिन यह एक लम्बी प्रक्रिया है और कुछ दरिंदों पर इनका कोई असर नहीं होता। वे अपराध करते रहते हैं। ऐसे अपराधियों के मन में कानून का डर पैदा होना जरूरी है। श्री चौहान ने पुलिस और अभियोजन अधिकारियों के उत्कृष्ट प्रयासों और टीम वर्क की सराहना करते हुये कहा कि अपराधियों को सजा दिलाना समाज सेवा का काम है। उन्होंने फांसी की सजा सुनाने वाली अदालतों को भी नमन करते हुये कहा कि अत्यंत संवेदनशील प्रकरणों में न्यायालयों ने भी तत्परता से न्याय देने का काम किया है।
पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला ने कहा कि डिजिटल टेक्नॉलाजी के उपयोग से विवेचना में प्रक्रिया में तेजी आयी है और अपराधों का तथ्यामक विश्लेषण करने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में सीसीटीव्ही कैमरे लगाने से अपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण रखने में काफी मदद मिली है। सभी जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में 10 हजार सीसीटीव्ही कैमरे लगाये गये हैं। डीएनए परीक्षण की टेक्नॉलाजी के उपयोग से भी अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बेटियों के विरुद्ध हुए जघन्य अपराधों में अपराधियों की विवेचना कर उन्हे सजा दिलवाने में अभियोजन अधिकारी, पुलिस अधिकारी और समाज के सहयोग से पूरी टीम ने काम किया है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह श्री मलय श्रीवास्तव, संचालक लोक अभियोजन डॉ. राजेन्द्र कुमार और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री अन्वेष मंगलम् एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

Check Also

MP News: कर्मचारियों को 3% डीए में बढ़ोतरी! 4 माह का एरियर भी देने की तैयारी, जल्द हो सकती है घोषणा

🔊 Listen to this मध्यप्रदेश सरकार अपने 7.5 लाख कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने जा …