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पदोन्नति में आरक्षण : 8 माह बाद संविधान पीठ करेगी सुनवाई

भोपाल। पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई साढ़े आठ माह बाद फिर शुरू हो रही है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ऐसे 42 मामलों की एक साथ सुनवाई करेगी।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में गठित पीठ में जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंगटन नरीमन, जस्टिस कौल और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं। पीठ एम. नागराज प्रकरण में अनुसूचित जाति, जनजाति के पिछड़ेपन से संबंधित शर्त पर पुनर्विचार करेगी।
मप्र हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों की पदोन्नति पर सवा दो साल से रोक लगी है। नवंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने यह मामला संविधान पीठ को स्थानांतरित कर दिया था। इसके बाद से कर्मचारी मायूस थे। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फिर से सुनवाई शुरू कर रहा है।
इससे कर्मचारियों में जल्द मामले का निराकरण होने की उम्मीद जागी है। अनारक्षित वर्ग की ओर से यह मामला ‘सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संघ (सपाक्स)” कोर्ट में लड़ रहा है।
मप्र, बिहार और त्रिपुरा के मामलों की संयुक्त सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने एम. नागराज प्रकरण पर आए कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति के पिछड़ेपन से संबंधित शर्त को लेकर आपत्ति की जा रही थी। संविधान पीठ इसी को सुनकर फैसला सुनाएगी। इसके आधार पर सभी 42 मामलों में फैसला आएगा।

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