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विपक्ष नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के सामने होगी यह सबसे बड़ी `चुनौती`!

नई दिल्‍ली: मोदी सरकार के अर्थव्‍यवस्‍था में जान फूंकने के उपाय रंग लाते दिख रहे हैं. एक पोल में दावा है कि इस साल भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍थाओं में रहेगा. लेकिन एक चिंता की बात भी है. वह यह कि तेल की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए मुश्किल पैदा करेंगी. खासकर 2019 मैं  होने वाले  लोकसभा चुनाव के दौरान यह विषय बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है.

फ्रांस को पछाड़ नंबर 6 बनी इकोनॉमी
2 ट्रिलियन डॉलर से बड़ी इकोनॉमी, जो हाल में फ्रांस को पछाड़कर दुनिया की छठी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनी है, की विकास दर मार्च 2019 को खत्‍म होने वाले वित्‍त वर्ष में 7.4 फीसदी रहेगी. इसके अगले वित्‍त वर्ष में यह 7.6 प्रतिशत के आसपास रहेगी. समाचार एजेंसी रायटर्स ने 70 अर्थशास्त्रियों से बातचीत करने के बाद यह तथ्‍य पेश किए हैं. यह पोल 19 से 24 जुलाई के बीच कराया गया. वहीं एक अन्‍य पोल में बताया गया था कि चीन की अर्थव्‍यवस्‍था 6.6 फीसदी की दर से बढ़ेगी.

पेट्रोल-डीजल चिंता का विषय
लेकिन पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण यह इस सकारात्‍मक अनुमान पर पानी फेर सकती है. ईंधन की कीमतें उस समय आसमान छू रही हैं जब डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है और यह अब तक के सर्वोच्‍च स्‍तर पर है. भारत के आयात बिल का सबसे बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम आयात ही है.

रिजर्व बैंक महंगा कर सकता है लोन
ज्‍यादातर अर्थशास्त्रियों ने तेल की ऊंची कीमतों को सबसे बड़ा खतरा माना है. उनको आशंका है रिजर्व बैंक ईंधन के इस बोझ के कारण ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. अगर कच्‍चे तेल की कीमतों में 10 डॉलर की भी बढ़ोतरी होती है तो यह भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को 40 आधार अंक तक पीछे धकेल देगी. एएनजेड में अर्थशास्‍त्री शशांक मेंदीरत्‍ता ने कहा कि ईंधन की ऊंची कीमतों से इनपुट कॉस्‍ट बढ़ेगी.

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