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कवि इंजी. सोनू सीताराम धानुक “सोम” द्वारा वो कोई और नहीं …दीदी है मेरी,, पर लिखी कविता जरूर पढ़े।

मां के बाद जो ममता  का अक्स रखता है,,
मां के बाद जो फिक्र करता है,,
पिता के बाद जो सर पर हाथ रखता है,,
मां से जायदा जो दुलार करता है,,
पिता की तरह जो डांट सकता है,,
वो कोई और नहीं …दीदी है मेरी,,

मां की डांट से जो बचाए,,
पिता की मार से बचा कर जो इठलाए,,
मेरी हर एक मंशा पिता तक पहुंचाए,,
जो मेरी हर बात के लिए पिता से लड़ जाए,,
मेरी गलती होने पर भी जो दुनिया से भिड़ जाए,,
वो कोई और नहीं मेरी …दीदी है मेरी,,

मैं उसे रुला के हस पड़ता हूं,,
और,,जो मुझे रुला के खुद भी रो पड़े ,,
वो कोई और नहीं दीदी है मेरी,,

इंजी. सोनू सीताराम धानुक “सोम”

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