कोरोना महामारी तूने कैसी आफत मचाई है
अच्छे भले इंसान को बंदिशें लगाई है
डर – डर के जी रहा , डर – डर के राह चल रहा
जैसे गुनहा इंसानियत का हो अब ऐसा ही कुछ लग रहा।
किस – किस को छूने से तू फैल जाता है
रिश्तों में कड़वाहट मजबूरियां भर जाता है
कोरोना तूने आकर नजदीकियां हटा दूरियां बड़ाई है
रिश्तों में खौफ का माहौल बना मिठास भंग करवाई है।
कोरोना किस चीज़ की तूने दुश्मनी निभाई है
अपने देश अपने मालिक का न हो पाया
ना रह सका वहां तो यहां उतर आया
किसको तूने आज तक अपना बनाया।
तुझे बनाने वाले को भी
तुझसे बचाने वाले को भी तूने मृत्युलोक पहुंचाया
आतंग हो गया तू किस देश का
कभी तूने कोई रिश्ता न निभाया।
खौफ लाया हस्ते मुस्कुराते इंसानों में
मौत लाया गली मोहल्लों शहरों में
अरे जीना क्या होता है ज़िन्दगी मिलने पर
तू जाने तब जब जन्म हो तेरा भी इंसानों में।
#कवियत्री अपूर्वा श्रीवास्तव#
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#Stay Home
#Stay Safe
#Take Care
#Be Careful
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