भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के लिए यह बुरी खबर है। पिछले कुछ उपचुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाली भाजपा को पचमढ़ी छावनी परिषद चुनाव में बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा है। 23 साल बाद कांग्रेस की धमाकेदार वापसी से प्रदेशभर में कांग्रेस के दिग्गज नेता इसे आने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। कई जानकार कह रहे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में ऐसा ही उलटफेर हो सकता है।
मध्यप्रदेश में पचमढ़ी छावनी परिषद में कांग्रेस ने 23 साल बाद वापसी की है। कांग्रेस ने परिषद की 7 सीटों में से 6 पर अपना कब्जा जमा लिया। भाजपा समर्थित उम्मीदवार के खाते में सिर्फ एक ही सीट आई है।
कांग्रेस के लिए शुभ घड़ी
कांग्रेस इस जीत को काफी शुभ मानकर चल रही है। क्योंकि 23 सालों बाद उसने पचमढ़ी की परिषद पर वापसी की है। दिग्गज कांग्रेस नेता इस जीत को आने वाले चुनाव से भी जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि अब मध्यप्रदेश के लोगों का मोह भाजपा से भंग हो रहा है।
कांग्रेस इस जीत को काफी शुभ मानकर चल रही है। क्योंकि 23 सालों बाद उसने पचमढ़ी की परिषद पर वापसी की है। दिग्गज कांग्रेस नेता इस जीत को आने वाले चुनाव से भी जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि अब मध्यप्रदेश के लोगों का मोह भाजपा से भंग हो रहा है।
गौरतलब है कि छावनी परिषद में अध्यक्ष आर्मी का पदेन अधिकारी ही होता है। रविवार को छावनी परिषद में 7 वार्डों के लिए चुनाव हुए थे। इसमें 4495 मतदाताओं ने सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान किया था। रात 9 बजे इसके परिणाम भी घोषित हो गए।
होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी प्रदेश ही नहीं देशभर में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां की वादियां, प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इस क्षेत्र के लोगों का जीवन यापन भी पर्यटकों के कारण ही चलता है। बड़ी संख्या में होटल, रिसोर्ट भी हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि अगले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने राज्य में नेतृत्व के स्तर पर कई बड़े बदलाव किए हैं। छिंदवाड़ा से सांसद और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, वहीं गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी गई है। ऐसे में कांग्रेस के लोगों का मानना है कि इसी परिवर्तन का लाभ अब उन्हें मिलने लगा है।
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