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चेहरों के टिकट पक्के, मोहरों को मुश्किल

भोपाल. भाजपा और कांग्रेस में नियम चेहरा देखकर तय किए जा रहे हैं। दोनों पार्टियों ने पिछले दिनों कहा था कि जिन्हें संगठन या निगम मंडल में पद दिया गया है, उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। इसके ठीक उलट कांग्रेस में लगभग 20 और भाजपा में दो दर्जन एेसे चेहरे हैं, जिनके पास पद हैं और उनका टिकट भी पक्का माना जा रहा है। उधर, कुछ नेता एेसे भी हैं जिन पर वक्त बेवक्त नियमों के ब्रह्मास्त्र चलता रहता है।

भाजपा : संगठन में ओहदा, टिकट पर भी नजर
भाजपा की बैठकों में कई बार यह मुद्दा उठ चुका है कि चुनाव लडऩे के लिए पद छोडऩा पड़ेगा, लेकिन नेताओं का वजन इतना है कि उन्हें हटाया नहीं जा सका। कई विधायक तो एेसे हैं जिनके पास संभागों का प्रभार भी है और वे अपने विधानसभा क्षेत्र में व्यस्तता के चलते संभागों के दौरे ही नहीं कर पा रहे हैं। एेसे पदाधिकारियों से संभागीय प्रभार वापस लेने की बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पार्टी की बैठकों में कर चुके हैं।

– इन सांसदों के पास पद भी
राकेश सिंह प्रदेश अध्यक्ष, मनोहर ऊंटवाल, अजय प्रताप सिंह, संपतिया उइके, चिंतामण मालवीय और आलोक संजर।

 

इन विधायकों के पास संगठन की कुर्सी
रंजना बघेल, ऊषा ठाकुर, रामलाल रौतेल, प्रदीप लारिया, सुदर्शन गुप्ता, रामेश्वर शर्मा, हेमंत खंडेलवाल और सुरेंद नाथ ङ्क्षसह।

ये भी टिकट के दावेदार
अरविंद भदौरिया, जीतू जिराती, विनोद गोटिया, विजेंद्र सिंह सिसोदिया, हितेश वाजपेयी, कृष्ण मुरारी मोघे, कृष्णा गौर, बंशीलाल गुर्जर और बृजेंद्र प्रताप ङ्क्षसह।

कांग्रेस : जिम्मेदार लडऩा चाहते हैं चुनाव
कांग्रेस संगठन और विभिन्न समितियों के ज्यादातर लोग चुनाव लडऩा चाहते हैं। कुछ ने चुनाव के लिए पार्टी को आवेदन भी कर दिया है। राम निवास रावत, सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, सुरेन्द्र चौधरी कार्यकारी अध्यक्ष हैं। ये चारों विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के दावेदार भी हैं। सुरेन्द्र चौधरी पूर्व मंत्री हैं। जबकि, रावत, वर्मा और पटवारी वर्तमान में विधायक हैं।

इसी प्रकार पार्टी की विभिन्न समितियों की स्थिति है। इनमें सुनील सूद, विभा पटेल, मुजीब कुरैशी, बिसाहू लाल, महेन्द्र जोशी, आरिफ अकील, मुकेश नायक, सज्जन सिंह वर्मा, राजवर्धन दत्तीगांव, राम गोपाल सिंह राजपूत, केपी सिंह, विजय लक्ष्मी साधौ, शोभा ओझा, उमंग सिंहार, राजेन्द्र सिंह, नरेन्द्र नाहटा और मानक अग्रवाल प्रमुख हैं।

दिग्विजय के निर्देश का असर नहीं
समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी टीम के जो लोग चुनाव लडऩा चाहते हैं वे पद छोड़कर तैयारी करें। उस दौरान विभा पटेल ने चुनाव लडऩे की इच्छा जिताई थी, लेकिन न तो विभा पटेल ने पद छोड़ा और न ही उनसे इसके लिए कहा गया। बल्कि दिग्विजय की समन्वय समिति में शामिल अन्य लोग भी टिकट चाहते हैं।

मैं पहले मंत्री रहा हूं। विधानसभा चुनाव लडऩा चाहता हूं। मौजूदा जिम्मेदारी को ईमानदारी से पूरा कर रहा हूं। पार्टी टिकट देगी तो चुनाव भी जीतूंगा।
– सुरेन्द्र चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस

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