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बाल दिवस के अवसर पर ग्राम दादौल में बच्चो के चेहरे पर विखेरी खशियां

बाल दिवस के अवसर पर ग्राम दादौल मंे बच्चो के चेहरे पर विखेरी खशियां
किशोरी बालिकाओं ने भी अपने अपने बाल मन की बातें सवसे सांझा की
शिवपुरी । हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 14 नवंबर 1889 को प्रयागराज उत्तरप्रदेश में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था। पंडित नेहरू के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित नेहरू को बच्चों और गुलाब के फूलों से विशेष प्रेम था। देशभर के बच्चे पंडित नेहरू को चाचा नेहरू करके संबोधित करते थे। बच्चों को इस दिन खूबसूरत संदेशों के जरिए भी बाल दिवस की शुभकामनाएं दी जाती हैं। संस्था शक्तिशाली महिला संगठन समिति द्वारा ग्राम दादौल में आधा सैकड़ो बच्चों एवं 20 किशोरी बालिकाओं के चेहरे पर बाल दिवस एवं दिवाली की खुशियां विखेरी। संस्था के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि संस्था हर वर्ष बाल दिवस को अनोखे तरीके से मनाती हैं चंूकि इस बार कोविड एवं दीवाली बाल दिवस पर होने की वजह से हमने गांव दादौल में बच्चों एवं किशोरी बालिकाओं को वस्त्र, मिठाई एवं फुलझड़ी देकर मनाया । इस अवसर पर बच्चों ने अपने मन की बात साझा की एवं बाल दिवस पर चार चार लाईन जो वह पढ़ते है सुनते है सुनाई एक किशोरी ववली आदिवासी ने कहा कि रोने की वजह ना थी ना कोई हंसने का बहाना था आखिर क्यों हो गए हम इतने बड़े इससे अच्छा तो वो बचपन हमारा था। इसके बाद पूनम रावत ने अपने मन की बात में सुनाया कि देश के प्रगति के हम हैं आधार हम करेंगे चाचा नेहरू के सपने साकार
बाल दिवस की शुभकामनाएं और अन्त में सुपोषण सखी कमलेश जाटव को बाल दिवस मनाने में सहयोग करने के लिए उपहार देकर सम्मानित किया और कार्यक्रम में उपस्थित सभी बच्चों को विस्किट्स , मिठाई , फुलझड़ी एवं किशोरी बालिकाओं के लिए एक एक वस्त्र का उपहार देकर बाल दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में संस्था के सयंोजक रवि गोयल, कोर्डिनेटर वसीम खान, साहब सिंह धाकड़, पूजा शर्मा, हेमन्त उचावरे एवं सुपोषण सखी श्रीमती कमलेश जाटव एवं आधा सैकड़ा बच्चे एवं किशोरी बालिकाऐ उपस्थित थे।

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