भोपाल। आदिवासी बहुल विकासखंडों में पदस्थ जनजातीय कार्य विभाग के अध्यापकों के तबादले करने की तैयारी है। जनजातीय कार्य विभाग इसके लिए सहमत हो गया है। 12 से 15 जून के बीच उन अध्यापकों के पदस्थापना आदेश जारी किए जा सकते हैं, जिन्होंने सात माह पहले से चल रही ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया में हिस्सा लिया है। इस प्रक्रिया में उन्हें ही मौका मिलेगा।
पुरुष अध्यापकों को नियुक्ति के 25 साल बाद तबादले का लाभ मिल रहा है। इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने सितंबर 2017 में ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया शुरू की थी। तय मापदंडों के मुताबिक विभाग ने करीब 18 हजार अध्यापकों के तबादला आदेश जारी कर दिए हैं।
इसमें जनजातीय कार्य विभाग के भी डेढ़ हजार अध्यापक शामिल थे। जब नए पदस्थापना स्थल पर ज्वाइनिंग की बात आई, तो जनजातीय कार्य विभाग ने आपत्ति लगा दी। विभाग के अफसरों का तर्क था कि आदिवासी बहुल इलाकों से अध्यापक जा रहे हैं, लेकिन कोई आने को तैयार नहीं है। इस आपत्ति के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने तबादलों पर रोक लगा दी थी।
स्कूल शिक्षा विभाग के इस फैसले से नाराज अध्यापकों ने आंदोलन की चेतावनी दी और मंत्री सहित अफसरों ने मुलाकात की, तो विभाग ने जनजातीय कार्य विभाग के अध्यापकों को छोड़कर शेष के पदस्थापना आदेश जारी करना शुरू कर दिए।
इस बात को लेकर जनजातीय कार्य विभाग के अध्यापकों ने विभाग के मंत्री लालसिंह आर्य के घर के सामने डेरा डाल दिया था। सूत्र बताते हैं कि मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री और अफसरों से चर्चा के बाद मंत्री ने अध्यापकों को तबादलों से रोक हटाने का भरोसा दिलाते हुए अफसरों से 12 से 15 जून तक तबादले करने को कहा है। इतना ही नहीं, प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में पदस्थ अध्यापकों के तबादले सत्र के दौरान किए जाने के संकेत भी दिए हैं।
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