भोपाल। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में नई इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान होगा। नई तकनीकी की इन मशीनों की सील खोलने पर तोड़ने पर ये काम करना बंद कर देंगी। मशीनों का बेंगलुरु से मध्यप्रदेश आना शुरू हो गया है। चुनाव में कुल एक लाख 80 हजार के आसपास मशीनें लगेंगी। इनकी जांच 15 मई को जिलों में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगी।
मतदान और मतगणना के दौरान अक्सर ईवीएम को लेकर होने वाले आरोप-प्रत्यारोप इस चुनाव में न हों और पूरी विश्वसनियता रहे, इसको लेकर चुनाव आयोग मध्यप्रदेश में पूरी नई मशीनों से चुनाव कराएगा। ज्यादातर जिलों में बेंगलुरु से मशीनें आ गई हैं।
इस मशीन में डिजीटल सर्टिफिकेट की व्यवस्था है। प्रत्याशियों के नाम सेट करने के बाद यदि मशीन की सील तोड़ी जाती है या फिर खोली जाती है तो मशीन काम करना बंद कर देगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि 15 मई को जिला मुख्यालयों में मशीनों की जांच होगी। इस दौरान सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। मशीनों की जांच करने के बाद इन्हें गोदामों में सीलबंद कर दिया जाएगा और चुनाव के वक्त निकाला जाएगा।
पांच फीसदी मशीनों की होगी जांच
चुनाव के दौरान जब मशीन में प्रत्याशियों के नाम सेट किए जाते हैं तब पांच प्रतिशत मशीनों की जांच कराई जाएगी। इसमें ईवीएम और वीवीपैट शामिल हैं। जब ये वोट डाले जाएंगे, तब प्रत्याशियों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
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