शिवपुरी जिले के मुड़खेड़ा गांव में रहने वाले आदिवासी समुदाय ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर से फौरन दखल की मांग की। उन्होंने प्रशासनिक अफसरों को बताया कि वे इस जमीन पर करीब दो शताब्दियों से अपनी पुश्तैनी पहचान के साथ रह रहे हैं। बावजूद इसके, अब कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा उन्हें बेदखल करने की धमकियां दी जा रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें मंजूरी मिलने के बाद पक्के मकान भी बन चुके हैं। ये लोग वर्षों से यहीं पर जीवन बिता रहे हैं। अब जब छत मिली है, तो कुछ तथाकथित ज़मींदार सामने आकर दावा कर रहे हैं कि जमीन उनकी है और यह इलाका तत्काल खाली कर दिया जाए।
स्थानीय निवासियों ने खास तौर पर एक व्यक्ति का नाम लिया जो धोलागढ़ से आता है और खुद को इस ज़मीन का मालिक बताकर आदिवासियों को डराने की कोशिश करता है। बताया गया कि यह व्यक्ति खुद को पंडित कहता है और हर बार नई धमकी के साथ दस्तक देता है।
आक्रोशित आदिवासी महिलाएं भी शिकायत दर्ज कराने कलेक्ट्रेट पहुंचीं। उन्होंने बताया कि मुड़खेड़ा में करीब 70 से अधिक घर हैं, जहां वे पीढ़ियों से रह रहे हैं। इतना पुराना बसेरा होने के बाद भी उन्हें उजाड़ने का प्रयास प्रशासन की नाकामी का उदाहरण बनता जा रहा है।
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