शिवपुरी, मंगलवार। शासन की बहुप्रचारित ई-स्कूटी योजना में गंभीर लापरवाही सामने आई है। वर्ष 2023-24 में 12वीं कक्षा में टॉप करने वाले शिवपुरी जिले के 13 होनहार छात्र-छात्राएं आज तक शासन से मिलने वाली इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी से वंचित हैं। मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान इन विद्यार्थियों ने दोपहर करीब 12:30 बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी पीड़ा साझा की और न्याय की गुहार लगाई।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि छह महीने पहले कई विद्यार्थियों को स्कूटी का भुगतान हो चुका है, लेकिन उनके जैसे 13 मेधावी छात्रों को अब तक न तो स्कूटी मिली और न ही कोई स्पष्ट जवाब। उन्होंने आवेदन के माध्यम से शासन से तत्काल स्कूटी उपलब्ध कराने की मांग की।
जब कलेक्टर से इस मामले में बातचीत हुई, तो उन्होंने छात्रों को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के पास भेजा। लेकिन छात्रों का आरोप है कि जैसे ही वे जिला शिक्षा अधिकारी .समर सिंह राठौड़ के पास पहुंचे, तो उन्होंने आवेदन को मुंह पर फेंकते हुए उन्हें कार्यालय से बाहर निकाल दिया।
इस पूरे घटनाक्रम पर जब डीईओ समर सिंह राठौड़  से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि “आवंटन अब तक प्राप्त नहीं हुआ है, दो से तीन बार पत्राचार किया जा चुका है। जैसे ही बजट आएगा, राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।” उन्होंने छात्रों से अभद्रता के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।
विद्यार्थियों का कहना है कि परीक्षा परिणाम घोषित होने से पहले ही सरकार ने स्पष्ट किया था कि 12वीं में टॉप करने वाले छात्र-छात्राओं को ई-स्कूटी दी जाएगी। सभी छात्रों ने अच्छे अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण की, प्रमाण-पत्र भी विद्यालयों से मिल चुके हैं, फिर भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।
स्कूटी से वंचित छात्रों में खुशी रघुवंशी, शैलेन्द्र सिंह, अभिषेक विश्वकर्मा, रुबि लोधी, जसोधा लोधी, शंकर रजक, आस्था गोयल, खुशबू धाकड़, माधव गर्ग, सुरेन्द्र कुशवाह, अंकुश जाटव, प्रिया गुप्ता और शिवानी जाटव के नाम शामिल हैं। अब ये छात्र शासन से अपील कर रहे हैं कि उनके भविष्य के साथ अन्याय न हो और जल्द से जल्द स्कूटी योजना का लाभ उन्हें प्रदान किया जाए।
		
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