शिवपुरी। फतेहपुर इलाके में रहने वाली बुजुर्ग महिला साजू शिवहरे की आंखें भर आईं, जब वह अपनी नातिन की शादी के लिए बैंक में जमा पांच लाख की एफडी तुड़वाने जनसुनवाई में पहुंचीं। कांपते हाथों और डबडबाई आंखों से उन्होंने कलेक्टर से बस यही गुहार लगाई – “बिटिया की शादी है साहब… पैसे दिलवा दो, नहीं तो सब बिखर जाएगा।”
साजू शिवहरे ने 22 अक्टूबर 2024 को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, कोर्ट रोड शाखा में 5 लाख रुपये की एफडी कराई थी। उन्होंने सोचा था कि ये रकम उनके बुढ़ापे और किसी जरूरी मौके पर काम आएगी। किसे पता था कि वही जरूरी मौका इतनी जल्दी आ जाएगा — नातिन की अचानक तय हुई शादी, जिसकी तारीख 9 जून 2025 रखी गई है। अब शादी को सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन बैंक एफडी तोड़ने को तैयार नहीं।
बुजुर्ग महिला का कहना है कि बैंक अधिकारी नियमों का हवाला देकर उन्हें टरका रहे हैं। जबकि शादी जैसे मौके पर यह रकम उनके लिए जीवन की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। साजू देवी ने तमाम दस्तावेजों के साथ कलेक्टर से गुहार लगाई है कि बैंक को निर्देश दें, ताकि समय रहते वह अपनी नातिन की शादी कर सकें।
घर में शादी की तैयारियों के बजाय अब उदासी का माहौल है। रिश्तेदार भी चिंता में हैं कि क्या शादी तय समय पर हो पाएगी। दादी की आंखों से छलकते आंसू और बैंक के बाहर लगा इंतजार, यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उस तंत्र की है जो आमजन की तकलीफ को कागजों में उलझा देता है।
		
Manthan News Just another WordPress site