Breaking News

शिवपुरी में 20 दिन से बूंद-बूंद को तरसी फक्कड़ कॉलोनी: महिलाओं का फूटा गुस्सा, बोलीं– रोटी कमाएं या पानी लाएं ?….



शिवपुरी। शहर की फक्कड़ कॉलोनी में 20 दिन से पानी की एक बूंद तक नहीं आई है। नलों से आती उम्मीदें सूख चुकी हैं और सरकारी आश्वासन अब लोगों के धैर्य की परीक्षा लेने लगे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि मजदूर महिलाएं अब काम छोड़कर पानी की तलाश में भटक रही हैं। गुरुवार को महिलाओं ने फिजिकल क्षेत्र के संपवेल कार्यालय का घेराव कर अपना आक्रोश जाहिर किया।

“काम करें या पानी भरें? दोनों नहीं हो सकते” – गिरजा बाई

कॉलोनी की मजदूरी करने वाली गिरजा बाई आदिवासी का कहना है, “रोजी-रोटी कमाएं या पानी लाएं, हम किसे चुनें? पानी के लिए दिनभर इधर-उधर भटकना पड़ता है। इसका असर हमारे काम पर पड़ रहा है और घर की आमदनी पर भी।” ऐसी ही कहानी कॉलोनी की हर तीसरी महिला की है।

800 रुपए का पानी टैंकर नहीं खरीद सकते गरीब

स्थानीय महिला रामदेवी बताती हैं कि कॉलोनी में अधिकतर परिवार दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर हैं। “हम 800 रुपए का टैंकर नहीं मंगवा सकते। नगर पालिका न सप्लाई दे रही है, न टैंकर भेज रही है। क्या गरीबों को जीने का हक नहीं?” रामदेवी का सवाल जिम्मेदारों के चेहरे पर तमाचा है।

पहले 4-8 दिन में आता था पानी, अब हफ्तों से सूखा पड़ा है नल

स्थानीय निवासी दिलीप रजक ने बताया कि पहले पानी हर 4 से 8 दिन में एक बार आ जाता था, लेकिन अब हफ्तों से नलों में पानी नहीं आया। लोग भूतपुलिया और बाणगंगा जैसे दूरदराज इलाकों से पानी ढो रहे हैं, वो भी अपने काम छोड़कर।

नगर पालिका की सफाई– मोटर खराब थी, अब देंगे टैंकर और चालू करेंगे सप्लाई

नगर पालिका के उपयंत्री रंजीत कापरे ने बताया कि कॉलोनी में आखिरी बार 27 मई को पानी दिया गया था। इसके बाद दो बार मोटर खराब हो गई, जिसकी वजह से सप्लाई बाधित रही। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शुक्रवार तक पानी की सप्लाई बहाल कर दी जाएगी और तत्काल राहत के लिए टैंकर भी भेजे जाएंगे।

लेकिन सवाल अब भी खड़े हैं– आखिर कब तक गरीब पानी के लिए तरसते रहेंगे? क्या उनके हिस्से सिर्फ वादे और इंतजार ही है?

Check Also

MP News: कर्मचारियों को 3% डीए में बढ़ोतरी! 4 माह का एरियर भी देने की तैयारी, जल्द हो सकती है घोषणा

🔊 Listen to this मध्यप्रदेश सरकार अपने 7.5 लाख कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने जा …